भूकंप के हल्के झटके महसूस ..

लगातार मानव जाति द्वारा प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ! केंद्र व् राज्य सरकारों का रवैया भी पर्यावरण के प्रति उदासीन ही रहा  है ! वन विभाग के आलाधिकारी वन माफियाओं के सामने नतमस्तक की मुद्रा में है ! जिसके चलते पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और नदियों का चीरहरण रेत माफिया, सरकार और जिला प्रशासन के सामने कर रहे है ! ऐसे में प्रकृति स्वयं अपना बदला प्राकर्तिक आपदाओं के माध्यम से लेने के लिए मजबूर हो रही है ! तभी तो ये आपदाए चंद सेकेंडों में सरकारों के खोखले विकास और मानवजाति के विनाश का कारण बन रही है.. !

विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व रात्रि में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं। ये झटके रात 9 बजकर 57 मिनट पर लोगों को महसूस हुए, जब अचानक कंपन हुआ। इसका असर करीब 30 सेकंड के आसपास तक रहा हैं।

खंडवा कृषि कॉलेज में पदस्थ मौसम वैज्ञानिक ने भी इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मात्र कुछ सेकेंड के लिए भूकंप के झटके रिकॉर्ड में दर्ज हुए हैं, जिसका केंद्र खंडवा जिला मुख्यालय से लगभग 66 किलोमीटर दूर अमरावती जिले में है।

अभी तक कहीं से भी जान और माल की हानि की सूचना नहीं है। हालांकि जिला प्रशासन अलार्ड मोड़ पर आ गया है। खंडवा जिले के पंधाना में झटके महसूस होने के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई है।

मौसम विशेषज्ञ के अनुसार भूकंप का केंद्र 66 किलोमीटर दूर एमपी और महाराष्ट्र की बार्डर पर रहा हैं। खंडवा के पंधाना के ग्राम कोहदड, बोरगांव, रुस्तमपुर सहित आसपास के कई ग्रामीण क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए।