इन दिनों राजधानी भोपाल में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 को लेकर प्रदेश सरकार काफी प्रचार प्रसार कर रही है ! इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पत्रकार वार्ता में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को सरकार की निवेश नौटंकी निरुपित किया । इस दौरान उन्होने पिछली समिटों में उद्योगपतियों द्वारा की घोषणाओं के आंकडे गिनाए। श्री पटवारी ने कहा कि प्रदेश में निवेश की स्थिति 2023 के स्तर पर पहुंच गई है। इससे पहले आठवें समिट के दौरान 32 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की गई थी। हालांकि जमीनी हकीकत काफी अलग है ..
प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि अब तक पिछले 6 ग्लोबलइन्वेस्टर्स समिट का रिकॉर्ड देखे तो जमीन पर मामला शून्य नजर आता है। और इसका कोई हिसाब किताब भी सरकार के पास नहीं है। 2003 से लेकर वर्ष 2016 तक पांच इन्वेस्टर्स समिटमें 17 लाख 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव का दावा किया गया। इसके बाद इंदौर में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 में शिवराज की सरकार ने राज्य में लगभग 15 लाख 40 हज़ार करोड़ के निवेश का दावा कर दिया। यानी करीब 32 लाख करोड रुपए के निवेश का दावा प्रदेश की धरती पर किया गया। जबकि हकीकत यह है कि 2003 से लेकर वर्ष 2023 तक 6 इन्वेस्टर्स समिट में 32 लाख 45 हजार करोड़ के दावे के मुकाबले जमीन पर केवल 3 लाख 47 हजार करोड़ का आंकड़ा ही सामने आया जो सरकार को प्राप्त कुल निवेश प्रस्ताव का 10% ही है। यह आकड़ा भी सरकारी आंकड़ा है, हकीकत में मध्यप्रदेश में निवेश प्रस्ताव के मुकाबले कुल 3% ही निवेश आने का संकेत कई रिपोर्ट देती हैं।
जीतू पटवारी ने कहा है कि जीआई समिट में आ रहे उद्योगपतियों का स्वागत करते हैं, लेकिन जो उद्योगपित पुरानी समिटों में एमपी आ कर उद्योग लगाने का वादा किया और अभी तक पूरा नहीं किया उनको पत्र लिखेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख कर ऐसे उद्योगपितयों की जानकारी देंगे। उन्होने कई उद्योगपतियों के नाम भी बताए जिन्होंने उद्योग लगाने का वादा तो किया लेकिन जमीन पर अभी तक कुछ नहीं किया।
5000 करोड़ हर माह कर्ज ले रही है सरकार : प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि डॉ. मोहन यादव की सरकार में भारी भरकम खर्च किया जा रहा है। करोड़ों रुपए खर्च करके उद्योगपतियों और निवेशकों की मेजबानी करने की तैयारी है। जैसा पिछली छह बार किया गया वैसा ही इस बार भी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर सरकारी खजाने को खाली किया जा रहा है। हर माह करीब 5000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज लेने वाली सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर पानी की तरह पैसा बहा रही है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं का वोट तो लेना चाहती है, लेकिन उनको रोजगार नहीं देना चाहती। उन्होंने आगे कहा कि, इंदौर के अलावा सरकार ने कौन से शहर को विकसित किया है। जबलपुर, ग्वालियर स्मार्ट सिटी केवल कागजों पर बनकर रह गई हैं। उमंग सिंघार ने कहा कि पिछले बार शिवराज सिंह के कार्यकाल में 68 प्रस्ताव आये थे उनको कैबिनेट में पास करने में डेढ़ साल का वक्त लग गया। ये शर्म की बात है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा सरकार ने स्मार्ट सिटी की बात की, लेकिन इंदौर के अलावा प्रदेश के किस शहर को भाजपा सरकार ने विकसित किया ये उन्हें बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को ये भी बताना चाहिए कि जबलपुर, ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में वो सुविधाएं दी हैं क्या ? जो उद्योगों के लिए अनुकूल होती हैं।