मोबाईल के कम्पन से घबराई टीम ,बिना बिल्डिंग तोड़े ही लौटी ..

चंदनगांव क्षेत्र के भरतादेव मार्ग में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग को तोड़ने पहुंचे नगर निगम और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बिना कार्रवाई किए वापस लौट आई। क्षेत्र में एक पांच मंजिला भवन का निर्माण हो रहा था , बीते दिनों  निर्माण के दौरान एक मजदूर की गिरकर मौत हो गई थी। इस घटना के बाद कोतवाली पुलिस ने बिल्डिंग मालिक बलराम विश्वकर्मा, ठेकेदार समेत पांच लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था..

नगर निगम ने इस बिल्डिंग को गिराने के लिए एक दिन पहले ही नोटिस जारी किया था। आज नगर निगम की टीम जेसीबी, राजस्व अमले और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची। प्रशासन पूरी तैयारी के साथ पहुंचा था, लेकिन किसी कारणवश टीम को बिना बिल्डिंग तोड़े ही लौटना पड़ा।
मौके पर मौजूद जानकार बताते है की निगम द्वारा कार्यवाही शुरू ही होने बाली थी कि तभी राजधानी से किसी राजनेता का मोबाईल जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी के मोबाईल पर घनघनाया , उसके बाद से ही प्रशासनिक अधिकारियों में कम्पन शुरू हो गया और तुरंत ही जेसीवी ने निगम का रास्ता पकड़ लिया !  मौके पर मौजूद पत्रकारों ने कार्यवाही स्थगित होने का कारण जब जिम्मेदार अधिकारियों से पूछा तो कम्पन से थरथरा रहे जिमेदारों की बोलती नही फूट रही थी !  बिल्डिंग मालिक बलराम विश्वकर्मा ने नगर निगम कमिश्नर को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की ।
घटना स्थल पर मौजूद अधिकारियों से मामले को लेकर पूछताछ की गई, लेकिन किसी ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। निगम और राजस्व अमले के इस रवैये से स्थानीय लोग हैरान हैं। बिना कार्रवाई के टीम के लौटने से मामले ने नया मोड़ ले लिया है। प्रशासन की आगे की योजना को लेकर स्थिति अभी अस्पष्ट है। अब देखना बड़ा दिलचस्प होगा की जिन-जिन अधिकारियों ने रिपोर्ट तैयार की थी जिसके बिनाह पर नगर निगम का तोडू दस्ता बिल्डिंग ढहाने पहुचा था ,उसकी रिपोर्ट में क्या-क्या बदलाब होते है ! यदि वाकई में अगर रिपोर्ट गलत बनाई गई थी तो उस जिम्मेदार पर प्रशासन क्या कार्यवाही करता है और इस कार्यवाही पर होने बाले खर्च की भरपाई कौन देगा ? आखिर जनता की गाढ़ी कमाई का दुरूपयोग होना महंगाई के इस दौर में चीरहरण करने जैसा होगा ! आपकी तरह हमें भी कुछ इन्तजार करना होगा , सच्चाई के बेनकाब होने का ..