चिकित्सकों की लापरवाही से दिव्यांग परेशान ..

छिंदवाड़ा जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की लापरवाही के कारनामे आए दिन सुर्ख़ियों में बने रहते है ! जिला चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सकों और मेडिकल कालेज के अध्यापक चिकित्सकों के बीच तालमेंल के आभाव के चलते मरीजों को इसका खामियाजा उठाना पड़ता है ! वहीं दूसरी और इन डाक्टरों की दुकाने शहर में कुकरमुत्सतों की मानिंद सजी हुई है , जिसमे स्थानीय बस स्टेण्ड से परसिया रोड तो मानों डाक्टरों का गलियारा ही है ! यहाँ इंसान का इलाज कम उनके परिजनों की जेब ज्यादा काटी जाती है , बाबजूद इसके जिला व स्वास्थ्य प्रशासन आखें मूंदे हुए है ,जनता लुट रही है ,गरीबों का कोई घानीघोरी नही है  …. 

इन यमराजों ने तो आज मानवता को ही शर्मशार कर दिया आपको बता दे की छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में हर शुक्रवार को दिव्यांग बोर्ड बैठता है। इसमें दिव्यांग जनों के प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं। आज इस दिव्यांग बोर्ड में पर्याप्त डॉक्टर नहीं बैठे, जिसके कारण काफी देर तक दिव्यांगजन यहां प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान होते नजर आए।

यहां दिव्यांग जनों ने बताया कि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सुबह से आकर शाम तक बैठे रहे। लेकिन उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं था। शुरू में एक दो डॉक्टर यहां विकलांग प्रमाण पत्र का परीक्षण करने और बनाने के लिए मौजूद थे। लेकिन बाद में वे भी उठकर चले गए, जिसके कारण दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
दूसरी तरफ इस सारे मामले में RMO डॉक्टर हर्षवर्धन कुड़ापे से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि पर्याप्त डॉक्टर थे। सिविल सर्जन थोड़ी देर से आए थे, इसके कारण थोड़ी परेशानी हुई। जिला अस्पताल में सुबह 10 बजे से दिव्यांगजन प्रमाण पत्र बनाने के लिए पहुंच गए थे। लेकिन उन्हें डॉक्टर न मिलने के कारण शाम तक परेशान होना पड़ा, ऐसा दिव्यांगों का कहना है। हालांकि डॉक्टर अपनी खाल बचने के लिए अलग ही राग अलाप रहे है ..