दीपावली पर्व ,पौराणिक महत्व और शुभ मुहूर्त
दीपावली, जिसे ‘रोशनी का त्योहार’ भी कहा जाता है, भारत के सबसे महत्वपूर्ण और भव्य पर्वों में से एक है। यह पांच दिवसीय उत्सव, अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। दीपावली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व का एक संगम है, जो परिवारों को एक साथ लाता है और समृद्धि का स्वागत करता है।
दीपावली का त्योहार हमें यह सिखाता है कि जीवन में कितनी भी चुनौतियाँ क्यों न हों, हमें हमेशा आशा और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। यह अवसर है पुराने गिले-शिकवे भुलाकर नए सिरे से शुरुआत करने का, प्रेम, सौहार्द और खुशियां बांटने का। यह प्रकाश का पर्व हमारे जीवन में ज्ञान, समृद्धि और शांति का प्रकाश लाए।
पौराणिक महत्व:
दीपावली का त्योहार कई पौराणिक कथाओं और घटनाओं से जुड़ा हुआ है, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
- भगवान राम की अयोध्या वापसी: सबसे प्रसिद्ध कथा के अनुसार, भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। उनके लौटने की खुशी में अयोध्यावासियों ने पूरे नगर को दीयों से रोशन किया था। तभी से यह दिन बुराई (रावण) पर अच्छाई (राम) की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
- देवी लक्ष्मी का प्राकट्य: दीपावली के दिन ही समुद्र मंथन के दौरान धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन उनकी विशेष पूजा की जाती है, ताकि घर में सुख-समृद्धि बनी रहे।
- भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर वध: चतुर्दशी (दीपावली से एक दिन पहले) के दिन भगवान कृष्ण ने अत्याचारी राक्षस नरकासुर का वध किया था, जिससे 16,000 बंदी राजकुमारियों को मुक्ति मिली थी। यह घटना भी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
- महावीर स्वामी का निर्वाण: जैन धर्म के अनुयायियों के लिए दीपावली का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन उनके 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी ने निर्वाण प्राप्त किया था।
दीपावली 2025 के शुभ मुहूर्त :
दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। 2025 में, दीपावली के प्रमुख पर्वों की तिथियां और शुभ मुहूर्त इस प्रकार कर सकते हैं:
- दीपावली / लक्ष्मी पूजा : सोमवार, 20 अक्टूबर 2025
- लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 06:17 बजे से रात 08:14 बजे तक
- प्रदोष काल: शाम 05:43 बजे से रात 08:14 बजे तक
- वृषभ काल: शाम 06:17 बजे से रात 08:17 बजे तक
- यह दीपावली का मुख्य दिन है, जब देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा की जाती है।
- गोवर्धन पूजा (चौथा दिन): 21 अक्टूबर 2025
- गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त: सुबह 06:33 बजे से 08:47 बजे तक
- इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर इंद्र के प्रकोप से बृजवासियों की रक्षा की थी।
- भाई दूज (पांचवा दिन): 22 अक्टूबर 2025
- भाई दूज तिलक मुहूर्त: दोपहर 01:21 बजे से 03:36 बजे तक
- यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं।