कोल्ड्रिफ सिरप से बैतूल के दो बच्चों की मौत ,परासिया के डॉ. प्रवीण सोनी ने लिखी थी सिरप
बैतूल// कोल्ड्रिफ सिरप पीने से दो बच्चों की मौत का मामला सामने आने से स्वास्थ्य महकमे में जहां हडक़म्प मचा हुआ है वहीं परिवार में मातम पसर गया है। सिरप में जहरीला रसायन डीएथलीन ग्लाइकोल पाया गया है।
आमला बीएमओ डॉ. अशोक नरवरे ने बताया कि ब्लाक के ग्राम कलमेश्वरा और जामुन बिछुआ गांव के दो बच्चे कबीर पिता कमलेश (4) और गर्मित पिता निखलेश (ढाई साल) को बुखार आने पर छिंदवाड़ा जिले के परासिया ले जाया गया था जहां उनकी तबीयत और अधिक बिगड़ गई। परिजनों के अनुसार कबीर और परासिया में डॉ. प्रवीण सोनी को दिखाया गया था जिसमें उन्होंने प्रिस्क्रिप्शन में कोल्ड्रिफ सिरप लिखी थी। अब जिला प्रशासन पूरे मामले की जांच में जुट गया है। परिजनों का आरोप है कि कबीर (4) की मौत कफ सिरप पीने के बाद हुई थी। डॉ. नरवरे ने बताया कि अभी यह पुष्टि नहीं हुई है कि बच्चों की मौत कोल्ड्रिफ सिरप पीने से ही हुुई है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
8 सितंबर को कबीर नामक बच्चे की मौत भोपाल में हुई। परिजनों के अनुसार, 24 अगस्त को सबसे पहले कबीर को बुखार आने पर परासिया के डॉक्टर प्रवीण सोनी को दिखाया गया। इलाज के बाद उसे घर ले जाया गया, लेकिन जब हालत में सुधार नहीं हुआ, तो परासिया के दो अन्य डॉक्टरों से भी सलाह ली गई। यहां बताया गया कि बच्चे की किडनी प्रभावित हो रही है। इसके बाद परिजन उसे नागपुर ले गए, जहां एक दिन अस्पताल में भर्ती रखने के बाद डॉक्टर ने घर ले जाने की सलाह दी। परिजन संतुष्ट नहीं थे, इसलिए वे उसे सीधे भोपाल ले गए। वहां पहुंचते ही रात करीब साढ़े चार बजे कबीर की मौत हो गई।
गर्मित की मौत गांव में –
दूसरी घटना ढाई साल के गर्मित पिता निखिलेश की तबीयत बिगडऩे पर उसका इलाज कराया जा रहा था, लेकिन एक अक्टूबर को गांव में ही उसकी मौत हो गई। बीएमओ के अनुसार उसे भी परिजन पहले इलाज के लिए परासिया के डॉक्टर सोनी के पास ले गए थे। बीएमओ डॉ. अशोक नरवरे ने बताया कि बच्चों को बुखार आने पर परिजन उन्हें छिंदवाड़ा के परासिया स्थित डॉक्टर सोनी के पास ले गए थे। इलाज के बाद बच्चों में किडनी की समस्या और पेट फूलने जैसे लक्षण दिखाई दिए। स्थिति गंभीर होने पर उन्हें बैतूल लाया गया और फिर आगे के इलाज के लिए भोपाल रेफर किया गया। डॉ. नरवरे ने यह भी बताया कि बच्चों का पोस्टमॉर्टम नहीं किया गया था, लेकिन गंभीर किडनी समस्या की रिपोर्ट सीएमएचओ को भेजी गई थी।
एसडीएम बोले- प्रशासन जानकारी जुटा रहा –
आमला एसडीएम शैलेंद्र बड़ोनिया ने भी बच्चों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि प्रशासन इस पूरे मामले की विस्तृत जानकारी जुटा रहा है।
सीएमएचओ डॉ. मनोज हुरमाड़े ने बताया कि आमला विकासखंड के दो बच्चों का इलाज छिंदवाड़ा जिले के परासिया में एक निजी चिकित्सक द्वारा किया गया था। इनमें से एक बच्चे का इलाज परिजन बैतूल भी लेकर आए थे। यह मामला 24 सितम्बर का है। बैतूल के चिकित्सक ने बच्चे को एम्स के लिए रेफर किया था। दोनों बच्चों की मौत के पीछे खांसी सिरप का सेवन होने की पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है। मैंने बीएमओ से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि बच्चों ने वही सिरप पिया था या नहीं।
विभाग ने जारी की एडवाइजरी
डॉ. मनोज कुमार हुरमाडे ने जिले के सभी निजी मेडिकल स्टोरों और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अब किसी भी प्रकार की औषधि या सिरप केवल पंजीकृत डॉक्टर की पर्ची पर ही दी जाए। जिले में बिना डॉक्टर की सलाह के दवा या सिरप बेचना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही औषधि निरीक्षक और खाद्य एवं औषधि प्रशासन को भी निगरानी बढ़ाने और संदिग्ध या अप्रमाणित दवाओं की बिक्री रोकने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा या सिरप सेवन न करें।
बैतूल से मयंक भार्गव ….