प्रदेश में तबादला नीति को लेकर बीते दिनों मोहन सरकार की कैबिनेट की बैठक में शासकीय कर्चामरियों के तबादलों को लेकर सहमती बनने के बाद अब प्रदेश में कर्मचारियों अधिकारीयों के तबादलों का दौर शुरू जो जाएगा , जिसके लिए बकायदा तबादला नीति जारी कर दी गई है। इसके चलते 60 हजार से अधिक कर्मचारियों के तबादले होंगे। कमजोर परफॉर्मेंस वालों को सबसे पहले हटाया जाएगा। वहीं सभी तरह के अटैचमेंट खत्म होंगे….
डॉ मोहन कैबिनेट की मंजूरी मिलने के चार दिन बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने तबादला नीति जारी कर दी है। तबादला नीति के तहत प्रदेश के 6 लाख 6 हजार नियमित कर्मचारियों में 10 फीसदी के तबादले होने है। बताया जा रहा है कि 60 हजार से ज्यादा कर्मचारियों इधर से उधर होंगे। मलाईदार विभागों के अधिकारोयों कर्मचारियों में इस बात को लेकर चर्चा है की उनके विभागों में किस-किस की बारी है ! जानकारों के मुताबिक वन विभाग ,राजस्ब ,स्वास्थ्य विभाग ,आवकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयों में जबरदस्त बैचेनी महसूस की जा रही है अभी से अधिकारी मनचाहे जिलों में तबादलों को लेकर जुगाड़ में जुट गए है !
सरकारी सूत्रों के मुताबिक विभाग अपने लिए अलग से तबादला नीति बनाकर जीएडी के प्रावधानों का पालन करेंगे। जिले के कर्मचारी, राज्य के तृतीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का जिले के भीतर तबादला कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद होगा। डीएसपी से नीचे रैंक के कर्मचारियों का ट्रांसफर पुलिस स्थापना बोर्ड के आधार पर होगा। पुलिस अधीक्षक प्रभारी मंत्री के परामर्श के बाद पद स्थापना करेंगे। वहीं कमजोर परफॉर्मेंस वालों को सबसे पहले हटाया जाएगा। साथ ही सभी तरह के अटैचमेंट खत्म होंगे। जिन अधिकारियों और कर्मचारियों का पहले ही ट्रांसफर हो चुका है, उन्हें दोबारा नहीं बदला जाएगा। विशेष स्थिति में मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही अपवाद स्वरूप ट्रांसफर हो सकेगा।
यदि कोई विभाग अपनी अलग तबादला नीति बनाना चाहता है, तो बना सकता है, लेकिन उसमें सामान्य प्रशासन विभाग की शर्तों का पालन अनिवार्य होगा। नीति से इतर किए जाने वाले किसी भी तबादले के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति आवश्यक होगी। जिला संवर्ग और राज्य संवर्ग के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का जिला स्तर पर तबादले प्रभारी मंत्री की मंजूरी के बाद कलेक्टर के माध्यम से किया जाएगा। ऐसे आदेश संबंधित जिला अधिकारी द्वारा जारी किए जाएंगे। राज्य व जिला स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले 30 मई तक ही किए जा सकेंगे। बाकी समय तबादलों पर पूरी तरह से रोक रहेगी। प्रथम श्रेणी के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों का तबादला मुख्यमंत्री की मंजूरी से संबंधित विभाग द्वारा किया जाएगा। द्वितीय व तृतीय श्रेणी के अधिकारियों का तबादला विभागीय मंत्री की मंजूरी से होगा। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का तबादला विभागाध्यक्ष द्वारा किया जाएगा।