बाघिन के हमले से वनकर्मी घायल ..

आज अल-सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई जब सामूहिक पैदल गश्त के दौरान एक बाघिन ने अचानक हमला कर दिया। झाड़ियों में छिपी बाघिन ने वनकर्मी रामसुहावन चौधरी पर झपट्टा मारा, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। तत्काल घायल वनकर्मी को जिला अस्पताल उमरिया में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। मामला उमरिया में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के आरएफ 428, बीट पनपथा, रेंज पतौर का बताया जा रहा है ….

घटना के बाद गश्त कर रहे अन्य वनकर्मियों को तत्काल उस क्षेत्र से हटा लिया गया। वर्तमान में बाघिन की निगरानी के लिए हाथियों की मदद ली जा रही है, ताकि किसी और अप्रिय घटना को टाला जा सके। यह वही बाघिन है, जिसने कुछ दिन पहले कुशमाहा गांव के दो ग्रामीणों पर भी हमला किया था। उन हमलों के बाद ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर पनपथा बैरियर पर जाम लगा दिया था और बाघिन को इलाके से हटाने की मांग की थी। प्रबंधन ने उस समय हाथियों की सहायता से बाघिन को अस्थायी तौर पर खदेड़ दिया था, लेकिन ग्रामीण बाघिन को स्थायी रूप से अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग पर अड़े हुए हैं।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन प्रबंधन ने बाघिन को शिफ्ट करने की अनुमति पीसीसी वाइल्डलाइफ से मांगी थी। इसके साथ ही बाघिन को लगातार 2 से 3 दिनों तक ट्रैक भी किया जा रहा था, ताकि स्थानांतरण के दौरान गलती से किसी अन्य बाघ को न पकड़ा जाए। हालांकि, रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने से पहले ही बाघिन ने गश्ती दल पर हमला कर दिया, जिससे पूरे क्षेत्र में एक बार फिर दहशत का माहौल बन गया है। घायल रामसुहावन चौधरी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के स्थाई वनकर्मी बताए जा रहे हैं, जिनकी स्थिति अभी स्थिर है।

प्रबंधन ने घटना के बाद प्रभावित क्षेत्र में गश्त पर रोक लगा दी है और स्थिति सामान्य होने तक हाथियों के माध्यम से निगरानी जारी रखने का निर्णय लिया है। साथ ही, बाघिन के स्थायी रेस्क्यू एवं सुरक्षित स्थानांतरण के लिए उच्च स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। ग्रामीणों की चिंता को देखते हुए जल्द ही बाघिन को सुरक्षित तरीके से शिफ्ट करने के प्रयास तेज किए जाएंगे, ताकि मानव-बाघ संघर्ष को रोका जा सके और दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।                                                            साभार मिडिया रिपोर्ट