हेलमेट के प्रति जागरूकता लाने में अब आबकारी ..

हेलमेट की जांच के लिए पुलिस द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है . आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में पिछले ढाई साल में सड़क दुर्घटनाओं में 30,262 लोगों ने जान गई. जिसमें 14,633 लोग तो के टू व्हीकर सवार थे ! पूरे प्रदेश में बिना हेलमेट के टू व्हीलर चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है . सरकार सड़क हादसों में होने वाली मौत का ग्राफ कम करने के लिए अब हाईकोर्ट के आदेश पर सख्ती बरत रही है! वैसे तो इस अभियान में समाज के सभी लोगों की सहभागिता होनी चाहिए ….

पुलिस द्वारा हेलमेट पहनने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में आबकारी विभाग भी जनजागरूकता लाने के लिए शराब दुकानदारों से अपनी दुकानों के बाहर बैनर पोस्टर लगाने का कह चुकी है , वैसे कोई सरकारी आदेश नही है !

जबलपुर में तो हर शराब दुकान के सामने बकायदा पोस्टर चस्पा कर दिया गया है ! जिस पर लिखा है कि ‘हेलमेट पहनना अनिवार्य है, हेलमेट नहीं तो, शराब नहीं.’

इस मामले पर आबकारी आयुक्त का कहना है कि सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं शराब पीकर वाहन चलाने वालों के साथ होती है. जो लोग शराब पीकर वाहन चलाकर अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डालते हैं ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा सख्ती बरती जा रही है.

ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायलय की जबलपुर बेंच के निर्देश के बाद पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (PTRI) ने दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है. एडीजी पीटीआरआई जी. जनार्दन ने जारी आदेश में कहा है कि वाहन चलाने वाले और साथ बैठे पिलियन राइडर को भी हेलमेट पहनना होगा. इसमें महिला, पुरुष या नाबालिग चालक को लेकर अलग से निर्देश नहीं हैं. इसलिए पुलिस 4 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे हर वाहन सवार के खिलाफ (सिख को छोड़कर) सख्ती बरतने की तैयारी कर रही है।