मंदिर यहां स्वमेव प्रकट हुआ , खुदाई में कोई प्रमाण नहीं मिला ..

भारत देश अपनी अनूठी संस्कृति ,उच्चतम मानवीय प्रतिमानों और आश्चर्यो से हमेशा से ही लोगों को अपनी और आकर्षित करता रहा है और भी ऐसे अनेको आशचर्य अपनी कोख में समाहित किये हुए है ,जो समय-समय पर उद्घाटित होकर चर्चा में बन जाता है ! खासकर हमारे धार्मिक मंदिरों के कहानी किस्से हमेशा से रोमांचित करते रहे हैं। समय-समय पर हमने इनके वैज्ञानिक आधार तलाशने के प्रयास भी किए, लेकिन कई मंदिर अपने इतिहास से सदा के लिए आश्चर्य का केंद्र बने हुए हैं। ऐसा ही एक मंदिर है इंदौर के पास बनेडिय़ा गांव में स्थित श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बनेडिया जी। यह जैनियों के प्रमुख तीर्थस्थल में शामिल है…. 

श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बनेडिया जी।इस मंदिर से जुड़ी प्राचीन कथा की वजह से दुनियाभर के श्रद्धालु यहां पर दर्शन के लिए आते हैं। कहा जाता है कि यह मंदिर यहां स्वमेब प्रकट हुआ है इसे बनवाया नहीं गया।

यह बात इसे बेहद चमत्कारी बनाती है। इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की मौजूदगी में जब इस बात की सच्चाई जानने के लिए मंदिर की खुदाई करवाई गई तो लोग चौंक गए। खुदाई के बाद कहीं भी पक्की नींव नहीं निकली। बिना किसी ठोस नींव के इतने बड़े मंदिर की स्थापना को देखकर इंजीनियर और वैज्ञानिक भी चौंक गए।
यह एक अष्टकोणी भव्य मंदिर है जिसमें एक भी खंभा नहीं है और मंदिर की दीवारें 6 से 8 फीट चौड़ी हैं। मंदिर के निकट रहने वाले जैन समुदाय के लोग बताते हैं कि यह मंदिर यहां पर बनाया नहीं गया था।
यहाँ निवासरत संजय जैन छह पीढिय़ों से इस मंदिर की सेवा कर रहे हैं। वे कहते हैं हमारे पूर्वजों ने बताया कि एक तपस्वी मुनिराज इस मंदिर को लेकर कहीं जा रहे थे, किसी कारणवश उन्होंने मंदिर को यहां पर रखा और तपस्या करने लगे। तपस्या करते करते शाम हो गई तो मंदिर यहीं पर स्थापित हो गया। तभी से यह मंदिर यहां पर है।मंदिर में भगवान अजीतनाथजी की प्रतिमा स्थापित है। इसके अलावा मणिभद्र बाबा का क्षेत्रकाल भी यहां पर है। यहां सफेद पाषाण की कई प्राचीन मूर्तियां भी हैं जिन पर 1248 संवत विक्रम का समय लिखित में अंकित है। यब मूर्तियां चौथे काल की बताई जाती हैं। मिडिया रिपोर्ट