20 हजार करोड़ की संपत्ति, 30 साल बेटियों ने लड़ी कानूनी लड़ाई ..

सुप्रीम कोर्ट में  एक ऐसा फैसला सुनाया गया जिसके बाद 30 साल से चले आ रहे संपत्ति विवाद का निपटारा हो गया। मामला कोई छोटी-मोटी प्रॉपर्टी का नहीं था बल्कि फरीदकोट के महाराज की संपत्ति लगभग 20 हजार करोड़ की है जिसके हक के लिए उनकी बेटियां 30 काल से कानूनी लड़ाई लड़ रही थी। इसमें हीरे- जवाहरात, किला, राजमहल और कई जगहों पर इमारतें शामिल हैं….

आखिर में दोनों बहनों की जीत हुई और इस संपत्ति में बड़ा हिस्सा उन्हें देने का फैसला बरकरार रखा गया है। सीजेआई यूयू ललित, जस्टिस एस रवींदर भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने कुछ सुधार के साथ हाई कोर्ट का फैसला बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को इस फैसले को सुरक्षित रख लिया था

क्यों था विवाद – महारावल खेवाजी ट्रस्ट और महाराजा की बेटियों के बीच की यह कानूनी जंग लीगल हिस्ट्री में सबले लंबी चलने वाली लड़ाइयों में से एक है। महाराजा की वसीयत को खत्म करते हुए कोर्ट ने महारावल खेवाजी ट्रस्ट को भी 33 साल के बाद डिजॉल्व करने का फैसला सुना दिया है। ट्रस्ट के सीईओ जागीर सिंह सारन ने कहा, हमें अब तक सुप्रीम कोर्ट का मौखिक फैसला ही पता चला है,कोई लिखित आदेश नहीं मिला है। जुलाई 2020 में ट्रस्ट ने ही सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसके बाद 2020 में