आज शाम सूर्य के अस्त होने के बाद पश्चिम आकाश में अद्भुत खगोलीय नजारा दिखने को मिला , जिसमें हंसियाकार चंद्रमा चमकते शुक्र और लाल ग्रह मंगल के बीच दिखता हुआ मिथुन तारामंडल के तारों के साथ मेल मुलाकात करता नजर आया , इस अनोखी खगोलीय घटना का नजारा अद्भुत और मनोहारी था….
राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि सूर्यास्त के बाद लालिमा समाप्त होने के साथ ही हंसियाकार चंद्रमा के साथ शुक्र(वीनस) अपनी चमक बिखेरता रहा उसके कुछ उपर मंगल (मार्स) लालिमा के साथ उपस्थित था । उसके पास ही मिथुन तारामंडल के जुड़वां तारे पोलुक्स एवं कैस्टर भी इस मिलन समारोह का हिस्सा बनें , साथ ही बिहाईव स्टार क्लस्टर भी इनके आसपास नजर आए ।
सारिका ने बताया कि मिलन करते नजर आ रहे इन खगोलीय पिंडों के बीच दूरी करोड़ों किमी होगी , लेकिन इन्हें पृथ्वी से मिलते हुए देखा जा सकेगा । जुड़वां तारे कहे जाने वाले तारों में से पोलुक्स 33 प्रकाश वर्ष दूर है और विकसित लाल विशालकाय तारा है जो कि हमारे सूर्य से दोगुना विशाल है । जबकि केस्टर 51 प्रकाशवर्ष दूर नीला तारा है जो हमारे सूर्य से 2.7 गुना अधिक भारी है । रोमन पौराणिक कथाओं के अनुसार पोलक्स और केस्टर जुड़वां भाईयों का प्रतिनिधित्व करते हैं ।
सारिका ने बताया कि इस खगोलीय घटना में चंद्रमा लगभग 1000 तारों के समूह जिसे कि बिहाईव स्टार क्लस्टर कहते हैं के भी समीप दिखेगा । बुधवार (24 मई) शाम के आकाश में भी इस दृश्य को पुनः देखा जा सकेगा लेकिन तब चंद्रमा आगे बढ़कर मंगल के करीब पहुंच चुका होगा । इस तरह ग्रहों, तारों और उपग्रहों के मिलन समारोह का मनोहारी दृश्य दिखने जा रहा है । दोनो ही दिन इसे रात्रि 10 बजे के पहले देखा जा सकेगा ।