शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कल ..

कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया गया। कांग्रेस ने सभी विधायकों को अनिवार्य रूप से सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा। वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है

प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज  दूसरा दिन था  । कांग्रेस के शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने चर्चा में ले लिया। इस प्रस्ताव पर कल बुधवार को चर्चा होगी।

कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया गया। कांग्रेस ने सभी विधायकों को अनिवार्य रूप से सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा। वहीं, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

सदन में प्रश्नकाल के दौरान परासिया से विधायक सोहन लाल ने छिंदवाड़ा जिले में जनभागीदारी का पैसा न मिलने का मुद्दा उठाया। इस पर कमलनाथ ने विधायक की बात का समर्थन करते हुए कहा कि छिंदवाड़ा के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इस पर शहरी विकास एवं आवास मंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि सबसे ज्यादा विकास छिंदवाड़ा और जीतू पटवारी की विधानसभा में हुआ।

भोपाल के गोविंदपुरा से विधायक कृष्णा गौर ने मिलावट सामग्री को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से पूछा कि पांच पनीर के सैंपल जांच के लिए थे, उनकी रिपोर्ट आ गई। जांच में सैंपल अमानक स्तर के पाए गए। इसमें कार्रवाई को लेकर अधिकारी लापरवाही कर रहे। इस पर मंत्री के जवाब देने खड़े होने पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। मंत्री ने कहा कि 16 के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामला कोर्ट में लंबित है। 67 मामले कोर्ट भेजे गए है। विधायक के लंबित मामलों को कोर्ट नहीं भेजने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि एक महीने में सभी मामले कोर्ट में पेश कर दिए जाएंगे।

इससे पहले कांग्रेस विधायक बिजली बिलों का एप्रन पहनकर विधानसभा पहुंचे। कांग्रेस विधायक फुंदेलाल मार्को का आरोप न बिजली है, न मीटर है फिर भी आदिवासियों के बिजली के बिल आ रहे  हैं। उन्होंने कहा कि बिजली के बिलों से आमजन भी परेशान है। कांग्रेस की सरकार में 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली मिलती थी, जिसे भाजपा ने बंद कर दिया था।

वहीं, सरकार विधायक निधि को लेकर नई व्यवस्था बनाने जा रही है। इसके तहत वित्तीय वर्ष में राशि खर्च नहीं हो पाती तो उस राशि से अगले साल में काम हो सकेगा। इस पर समिति के परीक्षण के बाद फैसला होगा। साभार मिडिया रिपोर्ट