अंतिम दर्शन के लिए वीआईपी लोगों के आने का सिलसिला शुरू ..

हिंदुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के अधिपति शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया। उन्होंने मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में माइनर हार्ट अटैक आने के बाद अंतिम सांस ली। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था….

ज्ञात हो कि स्वरूपानंद सरस्वती काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। शंकराचार्य का बेंगलुरु में इलाज चल रहा था। कुछ ही दिन पहले वह आश्रम लौटे थे। उनके निधन पर शोक की लहर है। उनके शिष्य ब्रह्म विद्यानंद ने बताया, सोमवार शाम 5 बजे उन्हें आश्रम में ही समाधि दी जाएगी।

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज को मणिदीप आश्रम से गंगा कुंड स्थल तक पालकी से ले जाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे। भक्त जय गुरुदेव के जयघोष लगा रहे थे। गंगा कुंड पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है।

भारी संख्या में पुलिस बल भी यहां तैनात किया गया है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज के अंतिम दर्शन के लिए कई वीआईपी लोगों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
जिला एवं पुलिस प्रशासन ने कमान सम्हाल ली है और व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि विशिष्ठ और आम जानो को कोई परेशानियों का सामना ना करना पड़े