मानव अधिकार आयोग ने नौ मामलों में संज्ञान लिया..

मप्र मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने ’नौ मामलों में संज्ञान’ लेकर जवाब मांगा है। मप्र में करीब 85,000 आंगनवाड़ी केन्द्र, इनमें एक तिहाई भवनविहीन मप्र में कुल 84,465 आंगनवाड़ियां हैं, इनमें से 24,434 भवनविहीन हैं। यह आंगनवाड़ियां सीलन और बदबू से भरे भवनों में चल रही हैं। एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित विस्तृत मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में प्रमुख सचिव, मप्र शासन, महिला एवं बाल विकास विभाग, मंत्रालय, भोपाल से किराये के भवनों में संचालित हो रहे आंगनवाड़ी केन्द्रों का मासिक किराया युक्तियुक्त रूप से नियत करने के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में एक माह में प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही यह भी कहा है कि राज्य शासन यह तय करे कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों/महिलाओं को स्वच्छ एवं शुद्ध वातावरण में उनके सभी हितलाभ प्राप्ति का अवसर अवश्य मिले..

बीपीएल कार्ड बनाने के लिये एसडीएम आॅफिस के चक्कर लगा रहीं हैं महिलाएं :- भोपाल शहर में बीपीएल राशन कार्ड बनाने के लिये एक साल पहले सर्वे हुआ था। स्टेटस अभी भी पेंडिंग बता रहा है। पीड़ित नाजमा बताती हैं कि वह प्रेग्नेंट हैं। हर सप्ताह एसडीएम आॅफिल जाती है, वहां कह दिया जाता है कि आवेदन लंबित है। न तो आवेदन मंजूर हो पा रहा है, न ही निरस्त किया जा रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल शहर के सभी एसडीएम आॅफिसेस में रोजाना 150 से अधिक आवेदन पहुंचते हैं। अलग अलग कारणों से इन्हें बनाने में भारी दिक्कते आ रही हैं। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में कलेक्टर भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर पीड़ित महिला के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि गर्भवती महिला को इसके लिए कार्यालय आने की आवश्यकता बार-बार क्यों पड़ रही है ? क्या संबंधित अधिकारी के जरिए उसे बीपीएल राशन कार्ड बनाये जाने के संबंध में जानकारी स्टेटस के संदर्भ में मोबाईल या अन्यथा दिए जानेे की कोई व्यवस्था संभव नहीं है ?

आठ माह से वेतन न मिलने से हजारों कर्मियों के परिवारों पर संकट :- आठ महीने से वेतन न मिलने के कारण पीडब्ल्यूडी में विलय हो चुके भोपाल के सीपीए कर्मचारियों को अपना परिवार पालना मुश्किल हो रहा है। वे अपने बच्चों की फीस नहीं भर पा रहे हैं और न ही अपना राशन पानी खरीद पा रहे हैं। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग, मप्र भोपाल से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

गौशाला में बुजुर्ग को कुत्तों ने नोंच-नोंच कर खाया, मानवता शर्मसार :- विदिशा जिले के लटेरी में शासकीय कार्यालय के पास बनी एक गौशाला में बीत रोज एक बुजुर्ग की मौत हो गई। मृत बुजुर्ग ग्यारसी पंथी थे और प्रतिदिन गौशाला में ही सोते थे। शासकीय कार्यालय के बीच में ही यह गौशाला बनी है, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। जब मृतक के शव से बदबू आने लगी, तो लोगों ने जाकर देखा कि मृतक नीचे पड़ा है और शव को कुत्ते खा रहे थे। लटेरी पुलिस न तो मर्ग कायम किया, न ही पीएम कराया। इससे यह भी पता नहीं चल पाया कि बुजुर्ग को जिंदाहाल में कुत्तों ने खाया है या मरने के बाद शव को कुत्तों ने खाया है। मृत बुजुर्ग आरोन तहसील के रहने वाले थे, पर कई सालों से लटेरी में रह रहे थे। मृतक के बेटे ने प्रशासन की घोर निंदा करते हुये कहा कि प्रशासन कितना ज्यादा लापरवाह होता है ? मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में एसपी विदिशा से प्रकरण की जांच कराकर एक माह में प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि मर्ग प्रकरण पंजीबद्ध कर मृतक का शव परीक्षण क्यों नहीं कराया गया ? क्या मृत्यु असमान परिस्थिति में नहीं हुई थी ? स्पष्ट प्रतिवेदन दें।

गाज गिरने से किसान की मौत :- नर्मदापुरम जिले के इटारसी के आदिवासी ग्राम केसला में ग्राम पंचायत झुनकर ग्राम चनागढ़ में गाज गिरने से किसान छन्नूलाल उईके की मौत हो गई। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में कलेक्टर नमर्दापुरम से मृतक के वारिसों को मुआवजा राशि देने के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
गैरतगंज में गाज गिरने से दो मरे, पांच गंभीर
रायसेन जिले की गैरतगंज में गाज गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, पांच गंभीर रूप से घायल हो गये। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में कलेक्टर रायसेन से दोनों मृतकों के वारिसों एवं घायलों को मुआवजा राशि देने के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
शिक्षक ने स्कूली छात्राओं की डेªस उतरवाकर कराया डांस

जबलपुर शहर के घमापुर के शासकीय प्राथमिक शाला की पांचवीं कक्षा की छात्राओं के कपडे निकलवाकर उनसे से डांस करानेे का मामला सामने आया है। स्कूल शिक्षक रामसिंह ठाकुर ने उन्हें ऐसा करने को कहा था। छात्राओं ने मना किया तो शिक्षक ने उन्हें धमकी भी दी। घटना से छात्राएं सदमें में हैं। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में एसपी जबलपुर से प्रकरण की जांच कराकर आरोपी शिक्षक के विरूद्ध मामला कायम कर उस पर अब तक की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।

स्कूल परिसर में लोग करते हैं नशा :- सिवनी जिले के बंडोल थाना अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला बीसावाड़ी में पढ़ने वाली छात्राओं ने अपने स्कूल परिसर में अतिक्रमण होने और वहां बैठकर लोगों द्वारा शराब पीकर उन पर गंदे-गंदे शब्दों का उपयोग कर उन्हें छेड़ने की शिकायत मुख्यमंत्री से की है। इन नशा करने वाले लोगों से शिक्षक भी डरते हैं। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में कलेक्टर एवं एसपी सिवनी से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही यह भी कहा है कि छात्राओं की सुरक्षा, उनके स्कूल आवागमन के साथ ही शिकायत की परिस्थितियों के संबंध में की गई कार्यवाही का स्पष्ट प्रतिवेदन दें।

स्कूल मैदान व सरकारी रास्ते पर किया कब्जा :- नमर्दापुरम जिला मुख्यालय के समीपस्थ बरोदिया कलां गांव में कुछ दबंगों द्वारा स्कूल के मैदान व सरकारी रास्ते पर पिलर खड़े करके निजी मकान का अवैध रूप से निर्माण कार्य कराने का मामला सामने आया है। दबंगों की तानाशाही के कारण स्कूल प्रबंधन और ग्रामीणजन भी उनके खिलाफ आवाज उठाने से डर रहे हैं। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में कलेक्टर नमर्दापुरम से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।