नियमितीकरण का निर्णय ले सरकार : केंद्रीय मंत्री कौशल

जैसे जैसे चुनाव का दौर आ रहा है वैसे वैसे कर्मचारी संगठनों की सक्रियता बढ़ गई है और राजनीतिक दलों में भी एक दूसरे को साधने का दौर शुरू हो गया है।इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध वर्षों से सेवा दे रहे अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का मुद्दा अब केंद्रीय नेतृत्व तक जा पहुंचा है।अतिथि विद्वान संयुक्त मोर्चा के प्रदेश स्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने राजधानी दिल्ली में मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री कौशल किशोर से मुलाकात की तथा अतिथि विद्वानों की पीड़ा से अवगत करवाया इसी को लेकर केंद्रीय मंत्री किशोर ने स्पष्ट शब्दों में कहा की कोई अतिथि थोड़ी 25-26 वर्ष तक रहता है….

अतिथि विद्वानों की नियुक्ति पूरी पारदर्शिता के साथ होती है यूजीसी नियमों के तहत होती है अनुभवी भी है तो मध्य प्रदेश सरकार क्यों नियमित कर भविष्य सुरक्षित नहीं कर रही।आगे मंत्री किशोर ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात करने का भरोसा दिलाया साथ ही तत्काल पत्र लिखा शिवराज सिंह चौहान को और अतिथि विद्वानों के मांग पत्र को संलग्न किया।इस मुलाकात में संघ के लक्ष्मी प्रताप,मीरा रावत,डॉ नीलिमा,डॉ सुमित शामिल रहे।

जैसा की विदित हो कि विपक्ष में रहते हुए खुद वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सहित सभी भाजपा के मंत्री अतिथि विद्वानों के आंदोलन में जाकर जोरदार तरीके से अतिथि विद्वानों का समर्थन किए थे और नियमितीकरण का वादा किए थे उसी को लेकर अतिथि विद्वान लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं।

25-26 वर्ष से शोषणकारी अतिथि नाम लेकर मध्य प्रदेश के मूल निवासी उच्च शिक्षित महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान अनिश्चित भविष्य और आर्थिक बदहाली के बावजूद नैक,रुसा,प्रवेश,परीक्षा,प्रबंधन,अध्यापन,मूल्यांकन आदि समस्त कार्य ही करते आ रहे हैं,लेकिन सरकार आज तक अतिथि विद्वानों का ना तो भविष्य सुरक्षित कर नियमित किया ना ही अतिथि विद्वानों के नाम से अतिथि हटा पाई।जो की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।इसी सिलसिले में अतिथि विद्वान लगातार सत्ता,संघटन,मंत्रियों से मिल रहे हैं और सब अस्वाशन दे रहे हैं की आपकी मांग जायज़ है सरकार करेगी।अब कब करेगी सरकार ईश्वर ही जानें।केंदीय मंत्री भी बोले है की शिवराज सिंह चौहान जी से बात करेंगे आप लोगो के साथ न्याय होगा।अब देखते हैं आगे।
डॉ आशीष पांडेय मीडिया प्रभारी अतिथि विद्वान महासंघ/मोर्चा