प्रदेश में किसान खून के आंसू रो रहे है ..

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज जारी अपने बयान में प्रदेश में असमय हो रही भारी बारिश से किसानों की हो रही फसल की बर्बादी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज प्रदेश का किसान खून के आंसू रो रहा है, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री उन्हें राहत व मुआवजा देने की बजाय पहले तो इवेंट में लगे हैं और अब इवेंट से निपटने के बाद भी झूठे वादे , झूठे आश्वासन व “चिंता ना करें ,मैं बैठा हूं “ जैसे जुमले देने में लगे हुए है..

श्री नाथ ने कहा कि प्रदेश के कई हिस्सों में असमय हो रही भारी बारिश से किसानों की सोयाबीन ,उड़द ,मूंग ,धान ,ज्वार ,बाजरा , तिल व अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
हमारे किसान भाई निरंतर सरकार की तरफ राहत व मुआवजे के लिए देख रहे हैं, लेकिन पहले तो सरकार का पूरा ध्यान इवेंटों में ही लगा रहा और अब इवेंट से निपटने के बाद प्रदेश के मुखिया जो खुद को किसान पुत्र बताते हैं, अभी भी राहत व मुआवज़े की बजाय किसानों को कोरे आश्वासन, झूठे वादे व “चिंता ना करो-मैं बैठा हूं” जैसे हमेशा की तरह परोसने वाले जुमले राहत के नाम पर दे रहे हैं।

श्री नाथ ने बताया कि हमारी सरकार में जब इस तरह का संकट किसानो के समक्ष आया था, तब हमने किसानों को तुरंत मुआवजा प्रदान किया था। हमने सर्वे के नाम पर व लंबी चौड़ी कागजी कार्यवाही के नाम पर किसानों को परेशान नहीं होने दिया।
वही शिवराज सरकार में तो अभी तक कई क्षेत्रों में सर्वे भी प्रारंभ नहीं हुआ है, कई जगह सिर्फ़ कागजी सर्वे हुआ है, कई जगह पटवारी व तहसीलदार सर्वे के लिए अभी तक पहुंचे ही नहीं हैं, तो मुआवजे का तो प्रश्न ही नहीं उठता है…?

प्रदेश का किसान पहले ही लहसुन व प्याज की मिल रही कम कीमतों से परेशान हैं, खाद -बीज के संकट से परेशान हैं, उसे अपनी फसल की बोवनी के लिए खाद तक नहीं मिल पा रही है, वह कई-कई दिन तक लाइनों में लगा हुआ है, पुलिस के लट्ठ खा रहा है व खाद को बाजार में ब्लैक में खरीदने को मजबूर है और ऐसे समय इस बारिश ने किसानों को और मुसीबत व संकट में डाल दिया है, वह खून के आंसू रोने को मजबूर है लेकिन सरकार का पूरा ध्यान सिर्फ़ चुनावी इवेंटों में लगा हुआ है।
विपक्ष में बैठकर किसानों के हित में लंबे-चौड़े भाषण देने वाले शिवराज जी ने अभी तक किसानो की कोई सुध नहीं ली है और ना उनके मंत्रियो ने।
आज प्रदेश का किसान पहले से ही कर्ज के दलदल में धंसा हुआ है। हमारी सरकार में हमने उसकी इसी वास्तविकता को समझ कर्ज माफी योजना लागू की थी, जिसे शिवराज सरकार ने आते ही बंद कर दिया और प्रदेश का किसान शिवराज सरकार में आज फिर कर्ज के दलदल में धंस कर आत्महत्या को मजबूर है।
सरकार को चीता इवेंट व अन्य इवेंटो से निकलकर अब किसानों की सुध लेना चाहिए, उन्हें जल्द से जल्द राहत व मुआवजा प्रदान करना चाहिए।कांग्रेस संकट की इस घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है, हम चुप नहीं बैठेंगे, किसानों की इस लड़ाई को हर मौर्चे पर लड़ेंगे।