खाद मिलने से पहले किसान की मौत ..

मौजूदा वक्त में रवि सीजन की बोहनी रही है जिसके लिए किसान भाई बीज खाद के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे है ! खाद की काले बाजारी की खबरे लगातार सुर्खिया बन रही है ,फिर भी सरकार के कानों में जूं नही रेंग रही है ! अब तो किसन लाइनों में खड़े-खड़े भगवान् को प्यारे हो रहे है ! कल ही प्रदेश के किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल का बयान आया है की प्रदेश में खाद की कोई कमी नही है ! ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि कमी नही है तो किसानो को लम्बी लम्बी लाइनों में क्यों लगना पड़ रहा है ?  किसान भाइयों को खाद मिलने से पहले मौत अपने क्रूर पंजों से उन्हें अपना निवाला बना रही है मनो ये अपनी मौत आने की बारी में ही लाइनों में लगें हो ….राकेश प्रजापति 

खाद के लिए घंटों कतार में खड़े रहने के बाद 62 वर्षीय किसान की मौत हो गई है। जिसके बाद इस मामले पर राजनैतिक बयान बाजी तेज हो गई है । पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज से खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने और किसानों को सुचारू व्यवस्था देने की बात कही गई है।

मध्यप्रदेश में एक तरफ खाद की किल्लत की खबर सामने आ रही है। दूसरी तरफ खाद के लिए किसान की मौत पर मामला गरमा गया है। सीहोर में शुक्रवार को 62 वर्षीय किसान की मौत हो गई। बुजुर्ग किसान सुबह से खाद के लिए कतार में खड़ा था। जिसपर अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जमकर निशाना साधा है।

खाद की किल्लत पर बड़े सवाल पूछते हुए पूर्व सीएम ने खाद की कालाबाजारी पर सरकार को घेरने की कोशिश की गई है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की है कि खाद वितरण व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जाना चाहिए।

किसान की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज से बड़े सवाल किए हैं, साथ ही मांग की है कि खाद वितरण व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाया जाए और खाद आपूर्त सुनिश्चित की जाए ताकि किसानों को दिक्कत का सामना ना करना पड़े

एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कमलनाथ ने कहा कि “मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर के ढाबला में खाद की लाइन में घंटों लगे रहने के बाद किसान शिवनारायण मेवाड़ा की मृत्यु हो गई। मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं साथ ही मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि प्रदेश के किसानों को कब तक खाद के लिए इस तरह से परेशान किया जाएगा।”

प्रदेश में खाद की जमाखोरी पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा “एक तरफ प्रदेश में खाद की जमाखोरी और कालाबाजारी हो रही है तो दूसरी तरफ किसान परेशान हो रहा है। सरकार कालाबाजारी करने वालों को संरक्षण दे रही है और किसानों की आवाज उठाने वालों पर झूठे मुकदमे लगा रही है।”

इछावर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रामा खेड़ी निवासी किसान रामनारायण मेवाड़ा पिछले 3 दिन से खाद के लिए परेशान हो रहे थे। 62 वर्षीय बुजुर्ग शुक्रवार को खाद लेने ढाबला सोसाइटी पहुंचे थे। सुबह से ही खाद के लिए कतार में खड़े रहने के बाद शाम 4:00 बजे उन्हें तीन बोरी खाद के लिए रसीद ही गई थी। हालांकि खाद लेने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस मामले में परिजनों का आरोप है कि बुक क्लास से उनकी सांसे थमी है। किसान शिवनारायण के बेटे ने कहा किसान सुबह से घर से बिना कुछ खाए निकले थे। खाद की लंबी कतार होने की वजह से सुबह से शाम हो गई। दिनभर भूख प्यास के कारण उनकी जान चली गई है।

दरअसल जिले में खाद एक बड़ी समस्या बनी हुई है। एक एक दो दो बोरी खाद के लिए किसानों को काफी परेशान होना पड़ रहा है। ढाबला समिति द्वारा 14 नवंबर 2022 को इफको यूरिया 25 मेट्रिक टन जबकि 17 नवंबर को चंबल में 25 मेट्रिक टन यूरिया का वितरण किया गया था। इस रबी सीजन में अभी तक 176.4 मिट्रिक टन यूरिया बांटा जा चुका है। फ़ाइल् फोटो