बच्चों की शिक्षा में सुधार का प्रयास ..

कहते है जीवन में सफलता की पहली सीढ़ी है, बच्चों का बौद्धिक एवं शैक्षिक विकास l शिक्षा की चाबी से सफलता के द्वारा खोले जा सकते है l परन्तु अभी भी बहुत सा तबका ऐसा है जो बुनियादी शिक्षा में कमजोर है l एनुअल स्टेटस ऑफ़ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2022 के अनुसार प्रदेश के 35.6 फीसदी बच्चे ही कक्षा दूसरी स्तर के पाठ पढ़ने में सक्षम है, शेष बचे 64.4 फीसदी बच्चे अभी भी अपनी कक्षा की दक्षता में पारंगत होए बगैर अपनी अगली कक्षा में पहुँच रहे है l आगे की कक्षा में यह बच्चे पिछड़ सकते है एवं पढ़ाई के प्रति उदासीन हो सकते है l 2 साल के कोरोना महामारी ने भी बच्चों की पढ़ाई को काफी पीछे ढकेल दिया है l तमान कोशिश के बाद भी बच्चे अभी अपनी सीखने की प्रवर्ती से दूर है ..

इस गहरी खाई को कम करने का प्रयास में जिला का शिक्षा विभाग तंत्र प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के सहयोग से जिला प्रदेश के प्रत्येक गाँव में समर कैंप का आयोजन करवा रहा है, जिसमे गाँव के ही स्वयंसेवक अपने गाँव के कक्षा 6वीं के बच्चों को समर कैंप के माध्यम से माह मई से जून में करेंगे बुनियादी पढ़ने, समझने और अंक गणितीय सुधार का प्रयास कर रहे है ।

प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन के जिला समन्वयक प्रान्जुल तिवारी एवं पल्लवी दावंडे द्वारा जिला के समस्त जनपद शिक्षा केंद्र में समस्त जन शिक्षक को समर कैंप संचालन का प्रशिक्षण दिया गया l गत समर कैंप की समीक्षा एवं सफल संचालन के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान छिन्दवाड़ा में एक बथैक का आयोजन किया गया जिसमे जिला परियोजना अधिकारी जे.के.इडपाचे, विकासखंड स्रोत समन्वयक छिन्दवाड़ा असरफ अली, बीएसी गजेन्द्र ठाकुर की उपस्थिति में समस्त जन शिक्षण एवं संकुल से समर कैंप प्रतिनिधि का उन्मुखीकरण किया गया एवं समर कैंप के किये स्वयंसेवक पंजीयन एवं बच्चों का कैंप संचालन से पूर्व मूल्यांकन के बारे में जानकारी दी गई l

जिला में स्वयंसेवको के सहयोग से बच्चो में बुनियादी पढ़ने, समझने और अभिव्ययक्ति सुधार के लिए कार्य किया जा रहा है । समर कैंप अभियान मे गर्मी की छुट्टियों में पाँचवीं से छठी में जाने वाले बच्चों की बुनियादी पढ़ने और अंकगणितीय कौशल को मज़बूत किया जाएगा ताकि बच्चे कक्षा 6 में तैयारी के साथ पहुँचें। जिला के हर गाँव से लोगो को इस अभियान में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।