आदिवासियों के साथ अन्याय कर रही है भाजपा सरकार ..

304 करोड़ की लागत से बने कारम बांध में हुये भ्रष्टाचार को लेकर और प्रभावितों को उचित मुआवजा एवं राहत नहीं मिलने के विरोध में आदिवासी न्याय यात्रा निकालेंगे विधायक पांचीलाल मेड़ा…प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा सारथी कंस्ट्रक्शन द्वारा बनाये गये धार जिले के कारम बांध के ढह जाने से धार और खरगोन जिला पूरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसमें आदिवासी वर्ग के लोग अधिकांशतः प्रभावित हुये हैं । भाजपा सरकार द्वारा इस डेम के निर्माण में हुये भ्रष्टाचार को लेकर पूरी तरह से लीपापोती की जा रही है । आदिवासी वर्ग के हितों को संरक्षित करने के लिए कांग्रेस द्वारा आदिवासी न्याय यात्रा निकाली जा रही है। जो निम्नानुसार रहेगी …: दिनांक 21 सितम्बर को धार जिले के धरमपुरी विधानसभा के भारूड़पुरा उतावली से यात्रा प्रारंभ की जायेगी। दूसरे दिन 22 सितम्बर को यह यात्रा इंदौर जिले के महू विधानसभा के मानपुर और 23 सितम्बर को गवली पलासिया में आयोजित होगी। इसी प्रकार 24 सितम्बर को इंदौर की विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 5 में देवगुराडिया में यात्रा निकाली जायेगी, 25 सितम्बर को देवास जिले की देवास विधानसभा क्षेत्र, 26 सितम्बर को देवास जिले की सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र मंे और 27 सितम्बर को सीहोर विधानसभा क्षेत्र के आष्टा में तथा 28 सितम्बर को सीहोर जिले की सीहोर विधानसभा क्षेत्र में यह यात्रा निकाली जायेगी। यह पद यात्रा अतिम दिन 29 सितम्बर को भोपाल में हुजूर विधानसभा क्षेत्र में लालघाटी-बैरागढ़ से निकाली जायेगी जो राजभवन पर राज्यपाल महोदय को आदिवासी वर्ग को राहत पहुंचाने संबंधी मांगो को लेकर सौंपे ज्ञापन के बाद समाप्त होगी ..

श्री मेड़ा ने कहा कि कारम डेम से प्रभावित आदिवासी लोग आज भी जंगलों में रह रहे हैं। उन्हें कोई उचित मुआवजा नहीं मिला है, कहीं विस्थापित नहीं किया गया। जंगलों में निवास करने से उनका जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त और प्रभावित हो गया है। न तो उन्हें खाने-पीने के सामग्री उपलब्ध हो पा रही हैं न ही उनकी उनकी फसलों की हुई नुकसान की भरपाई की जा रही है। भाजपा सरकार ने हमेशा से ही आदिवासी वर्ग के साथ कुठाराघात किया है। जब सरकार द्वारा इस डेम का निर्माण किया जा रहा था, उस समय से ही आदिवासी और वहां के रहवासियों के साथ अन्याय होना प्रारंभ हो गया था।

श्री मेड़ा ने कहा कि 304 करोड़ की लागत से बनने वाला कारम बांध निर्माण होते होते ढह गया। यह सरकार और विभाग के मंत्री के भ्रष्टाचार घटिया निर्माण पर सरकार की लीपापोती का प्रयास अनवरत जारी है। अभी तक सरकार ने प्रभावितों की कोई सुध नहीं ली है।
श्री मेड़ा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री कमलनाथ जी ने कई गांवांे में पहुंचकर प्रभावित ग्रामीणजनों से बातचीत की थी, उनका हाल जाना था, उनकी वास्तविकता को जाना था। इस दौरान वहां के किसानों द्वारा बताया गया था कि इस आपदा में उनकी फसल बह गई है, घर बह गए हैं, खेत की मिट्टी भी बांध के पानी के साथ बह गई है, खेतों में पानी में बहकर पत्थर आ गये है, जिससे आगे से अब खेती करना भी मुश्किल होगा।

यहां के रहवासी अभी भी पहाड़ों व जंगलो में रह रहे है। सरकार ने अभी तक कोई सर्वे कार्य शुरू नहीं किया है, ना हमें कोई मुआवज़ा मिला है। बांध के निर्माण में भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण की शुरू से कई शिकायतें सामने आ रही थीं की लेकिन सारी शिकायतों को अनदेखा किया गया, जिसके कारण यह स्थिति बनी। यह डैम भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की निशानी है, यह शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार का डैम फूटा है। इस कारण डेम के फूटने के कई बेकसूर लोगों को प्रभावित होना पड़ा है। कई लोगों का जीवन समाप्त हो गया। इससे हर वर्ग प्रभावित है। भाजपा सरकार में हर ठेके में भ्रष्टाचार है, जब तक भ्रष्टाचार ना हो, सरकार का सौदा पूरा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि इस डैम से धार के 12 और खरगोन के 8 गाँव प्रभावित हुए है, जो ज्यादातर आदिवासी गाँव है। कई प्रभावित किसानों की फसल बह गयी है, घर, बह गये है।

 

सरकार भ्रष्टाचारियों को संरक्षित करने और उन्हें बचाने का लगातार प्रयास कर रही है। सरकार से जानना चाहता हूं कि कारम बांध निर्माण में हुये भ्रष्टाचार की जांच की झूठी रस्म अदायगी के रूप में किन-किन भ्रष्टों को चिन्हित किया गया, उनके विरुद्ध कितनी एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई? बांध निर्माण के साथ संभावित बारिश से पहले जो सावधानियां बरतनी चाहिए थी वह क्यों नहीं बरती गई? बांध की वास्तविक कीमत 105 करोड़ की स्वीकृत थी वह 3 गुना बढ़कर 304 करोड़ तक कैसे पहुंच गई?
श्री मेड़ा ने कहा कि कारम बांध में हुये भ्रष्टाचार और उससे आदिवासियों को हुये नुकसान की भरपाई की जाये, किसानों की फसलों के नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाये। आदिवासियों को विस्थापित किया जाये। इन्हीं सब मामलों को लेकर आदिवासी न्याय यात्रा निकाली जा रहा है।