चिकित्सक संपर्क यात्रा छिंदवाड़ा पहुंची ..

प्रदेश सरकार के निकम्मेपन और अनदेखी के चलते शासकीय चिकित्सा और चिकित्सक गर्त में जा रहे है ! और इसका गलत इम्पेक्ट शासकीय चिकित्सको पर लग रहा है , की ये अस्पतालों में काम नही कर रहे है ! ऐसे ही अनेक और गंभीर आरोप इस यात्रा को लीड कर रहे चिकित्सक नेताओ ने सरकार की नीति और नियत को लेकर लगाये ! ज्ञात हो की शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के तत्वधान में 27 जनवरी से 7 फरवरी 2023 तक प्रदेशव्यापी चिकित्सक संपर्क यात्रा निकाली गई है ! जो प्रदेश के विभिन्न जिलों से होती हुई छिंदवाड़ा पहुंची ! इस यात्रा में छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज,जिला चिकित्सालय के  सभी शासकीय और स्वशासी चिकित्सकों ने सम्मिलित होकर अपना विरोध दर्ज किया ….

यात्रा का उद्देश्य मध्यप्रदेश में चिकित्सा स्तर का देश की सूची में लगातार निचले पायदान में आना,चिकित्सकों का शासकीय चिकित्सालय,मेडिकल कॉलेजों से नौकरी छोड़ना हर स्तर गांव,ब्लॉक,तहसील,जिला मेडिकल कॉलेज पर विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी उचित इलाज से वंचित प्रदेश की जनता पिछले 20 वर्षों से कार्यस्थल में उचित चिकित्सा आधारभूत संसाधनों की कमी एवं कैरियर उन्नयन से वंचित व असंतुष्ट चिकित्सीय संवर्ग तथा प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में नॉन टेक्निकल प्रशासकों का हस्तक्षेप एवं उपेक्षा से साल दर साल पतन को देखते हुए एवं पिछले 10 वर्षों से विभिन्न चिकित्सीय संगठनों द्वारा लगातारअपनी समस्याओं को लेकर अनेक पत्रों,समाचार पत्रों टेलीविजन वार्ता एवं वरिष्ठ जनों द्वारा विभिन्न विषयों को लेकर प्रशासन के ध्यानाकर्षण की पुरजोर कोशिश की गई ! किंतु आज तक किसी भी जिम्मेदार का संबाद हेतु निमंत्रण नहीं किया गया ! इससे दुखी होकर चिकित्सक महासंघ ने प्रदेशव्यापी ध्यानाकर्षण यात्रा का निर्णय लिया गया !

यह यात्रा ग्वालियर,मुरैना,अंबाह,भिंड,दतिया,शिवपुरी,ओरछा,निवारी,छतरपुर,पन्ना,रीवा,सीधी,शहडोल,उमरिया,डिंडोरी,मंडला,जबलपुर,कटनी सिवनी,छिंदवाड़ा,बैतूल,खंडवा,खरगोन,बड़वानी,धार,रतलाम,मंदसौर,उज्जैन,शाजापुर,देवास,इंदौर,ब्यावरा,विदिशा,सागर,दमोह,रायसेन,होते हुए मध्य प्रदेश के 38 जिलों के सीएचसी पीएचसी जिला अस्पतालों एवं 13 मेडिकल कॉलेजों से गुजरते हुए भोपाल पहुंचेगी इस यात्रा के दौरान वार्ता ना होने पर या निष्कर्ष बिना  वार्ता होने की स्थिति में फरवरी माह के प्रथम सप्ताह के बाद प्रदेशव्यापी चिकित्सीय कार्य बंद का निर्णय मजबूरी में लिया जा सकता है !