ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली ..

छिंदवाड़ा में एक महिला ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। महिला के 5 बच्चे थे लेकिन उसे किसी ने सहारा नहीं दिया जिस कारण वह हैरान परेशान अकेले रहती थी ….मानवता को शर्मशार कर देने बाली घटना से हम 21 बी सदी के सभ्य समाज की परिकल्पना भली भाँती कर सकते है ? हमने नाते-रिश्ते, मानवीयता की तिलांजलि देकर आलीशान हवेलिया और चमकदार परिवेश तो जरुर धारण कर लिया है परन्तु समाज और खुद की नजरों में आज कहाँ खड़े है ? पांच-पांच भाई बहन होने के बाद भी हमारे माता पिता अनाथों की भाँती दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है या हमने उन्हें मजबूर कर दिया है ?  सोचना जरुर …..

छिंदवाड़ा जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां 56 साल की अमरवती धुर्वे ने ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी। आपको आश्चर्य होगा कि इस महिला के पांच बेटे और एक बेटी है। इसके बावजूद भी वो अनाथों सा जीवन जीने को मजबूर थी। अंत में उसने जिंदगी से हार कर ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली।

अमरवती धुर्वे काशी नगर में रहती थी। , बेटी के विवाह के बाद पांच बेटे अपने – अपने परिवार के साथ जिंदगी की गुजर-बसर करने लगे। लेकिन मां को किसी ने भी अपने साथ नहीं रखा। जिसके बाद मां यहां-वहां मांगकर अपना गुजरा करने लगी। अक्सर शराब के नशे में वो कहती थी कि ट्रेन से कटकर जान दे दूंगी।

बीती रात पेंचवेली पैंसेजर ट्रेन की चपेट में आने से इस महिला की मौत हो गई। परिवार के सदस्यों का कहना है कि बुढ़ापे में किसी बच्चे ने उसे सहारा नहीं दिया।

देहात टीआई जीएस उईके ने बताया कि काशी नगर निवासी 56 वर्षीय अमरवती बाई पति माखनलाल धुर्वे अक्सर यहां-वहां घूमती रहती थी और मांगकर अपना गुजरा करती थी।  मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है, वहीं प्रकरण में मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।