विश्व स्तरीय सीएम राईज स्कूल राजनैतिक छलावा..

बुनियादी सुविधाओं के अभाव में प्रदेश की 10,630 बेटियों ने स्कूल छोड़ा , बच्चों के स्कूल छोड़ने में मप्र पांचवे पायदान पर ..प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने आज 2519 करोड़ रू. की लागत से राज्य में 69 सीएम राईज स्कूलों के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा किये गये भूमिपूजन और इन स्कूलों में विश्व स्तरीय सुविधाएं जुटाने के दावों को महज राजनैतिक छलावा बताते हुए कहा कि जिस प्रदेश में बुनियादी सुविधाएं जैसे टायलेट, लेब और लायब्रेरी के अभाव में 10,630 बेटियों ने स्कूल छोड़ दिये हैं, प्रदेश की बेटियों द्वारा स्कूल छोड़ने के मामले में देश में पांचवे पायदान पर है, वहां इस तरह का झूठ परोसना राजनैतिक धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है ….

श्री मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में 22 हजार स्कूल मात्र एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं, वहीं प्रदेश में 90 हजार शिक्षकों की कमी है, सुरक्षा के लिए चौकादारों का अभाव है, 2762 कन्या स्कूलों में उपयोग करने लायक टायलेट नहीं हैं, मासिक धर्म के दौरान वितरित करने के लिए सेनेटरी पेड की उचित व्यवस्था नहीं है ।

राजधानी भोपाल में ही 538 स्कूलों में विद्युत व्यवस्था नहीं है, 616 स्कूलों में क्लास रूम जर्जर हैं, मुरैना और आदिवासी बाहुल्य धार, बड़वानी, अलीराजपुर में भी क्रमशः यही हालात हैं। जहां मुरैना में 1890, बड़वानी में 2344, धार में 2253 और अलीराजपुर में 2058 सरकारी स्कूल विद्युत विहीन है, जहां जर्जर क्लास रूम, टायलेट, हेड वाशिंग यूनिट और पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं है ।

इन स्थितियों में सिर्फ पुरानी बिल्डिंग की साज-सज्जा कर सरकार विश्व स्तरीय सीएम राईज स्कूल खोलने के झूठे शब्जबाग दिखा रही है। यह तो वैसा ही मजाक प्रतीत होता है, जैसे मप्र की सड़के वाशिंगटन से ही बेहतर हैं।

श्री मिश्रा ने कहा कि यह बात सच विधानसभा चुनाव में सिर्फ 11 महीने शेष हैं और सरकार जल्दबाजी के मूड में है। लिहाजा, मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया है कि वे इस जल्दबाजी की प्रतिस्पर्धा में कृपाकर अपने भांजे-भांजियों के साथ धोखा न करें, जो सरकार 18 सालों में इस दिशा में कुछ नहीं कर पायी हो, वह 11 महीनों में क्या कर लेगी? यह प्रश्न भी लाजमी है।