CHMO नर्स से रिश्वत लेते रंगे हाँथ धराये ..

प्रदेश में रिश्वतखोरों और भ्रष्टाचारियो की शामत आई हुई है ! आये दिन प्रदेश की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों के ये नामाकूल निवाला बन रहे है ! फिर भी प्रदेश में ये कलंक कम होने का नाम ही नहीं ले रहे है ! अब ये सोचने बाली बात है की इन्हें खाद पानी कहाँ से मिल रहा है जिससे के कुकरमुत्ते की तरह पनप रहे है ! हमें इनका कोई स्थाई हल खोजना ही होगा ताकि इनका समूल नष्ट किया जा सके ….

इंदौर लोकायुक्त ने खंडवा के जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दस हजार की रिश्वत लेते ट्रैप किया है। एक नर्स का स्थानांतरण जिला अस्पताल में कराने के नाम पर ये रकम ली जा रही थी। पांच हजार पहले ले चुके थे।

खंडवा के जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को इंदौर लोकायुक्त ने दस हजार की रिश्वत लेते ट्रैप किया है। एक नर्स का स्थानांतरण जिला अस्पताल में कराने के नाम पर ये रकम ली जा रही थी। पांच हजार पहले ले चुके थे।

जानकारी के अनुसार लोकायुक्त को अधिकारी को पकड़ने के लिए करीब पांच घंटे इंतजार करना पड़ा। डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि छैगांवमाखन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्टाफ नर्स सविता झरबड़े ने डॉ. डीएस चौहान की शिकायत की थी। बताया था कि वह अपना स्थानांतरण जिला अस्पताल करवाना चाहती थी। उसने जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीएस चौहान से संपर्क किया। चौहान ने इस काम के बदले उससे 40 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। बाद में 35 हजार रुपये देने पर बात बनी थी।

शिकायत में बताया गया कि कुछ दिन पहले नर्स सविता ने पांच हजार रुपये डॉ. चौहान को दे दिए थे। इसके बाद चौहान ने उसे 40 हजार में ही काम करने का कहा। 35 हजार रुपये और मांगने लगा। इसके बाद सविता ने 28 अप्रैल को लोकायुक्त के इंदौर कार्यालय पहुंची थी। शिकायत की पुष्टि करने के बाद लोकायुक्त टीम ने ट्रैप प्लान किया। कार्रवाई के लिए रविवार का दिन तय किया गया।

डॉ. डीएस चौहान को रंगे हाथ पकड़ने के लिए करीब पांच घंटे इंतजार करना पड़ा। इसके बाद जैसे ही वे घर आए। घर के सामने ही नर्स ने दस हजार रुपये थमाए तभी रंगे हाथ लोकायुक्त टीम ने पकड़ लिया। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया है।  साभार : मिडिया रिपोर्ट