BJP नेताओं के नफरत फैलाने के मामले में हाईकोर्ट जल्द फैसला ले..

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल हुए दिल्ली दंगों के समय भाजपा नेताओं की ओर से दिए गए कथित नफरत फैलाने के मामले में इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और जांच की मांग करने वाली याचिका को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट को निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि इस याचिका पर जल्द से जल्द फैसला ले, बेहतर होगा फैसला तीन महीने के अंदर ले लिया जाए..

दरअसल, 2020 की शुरुआत में दिल्ली दंगों के समय कथित हेट स्पीच को लेकर भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कालिन गोंजाल्विस ने जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने कहा कि याचिकाकर्ता उम्मीद खोते जा रहे हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी हाई कोर्ट कार्यवाही में देरी कर रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट से मामले में समयबद्ध तरीके से फैसला करने के लिए कहा था। हमारी मांग है कि सार्वजनिक रूप से भाषणों के वीडियो साक्ष्य के आधार पर पहले ही प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए थी। इस दौरान दलील दी गई कि मामले का फैसला करने में देरी ठीक नहीं है।
कोर्ट से कहा गया कि उनकी याचिका पर सुनवाई अभी शुरू होनी बाकी है। पीठ ने जवाब दिया कि वह केवल हाई कोर्ट से इस मामले की सुनवाई करने के लिए कह सकती है। वकील ने बहस करने पर जोर दिया। पीठ ने जवाब दिया कि वह वकील की चिंता को समझती है, लेकिन मामले को हाई कोर्ट को वापस भेजने के अलावा कुछ नहीं कर सकती।