इलाज के अभाव में अतिथिविद्वान के पति ने दम तोडा ..

आर्थिक तंगी व बेरोजगारी के दंश ने मध्यप्रदेश के सरकारी कॉलेजों में अध्यापन कार्य करने वाले अतिथिविद्वानों पर एक हफ्ते के अंदर दूसरा बज्रपात हुआ । अभी प्रदेश का अतिथिविद्वान समुदाय अपने फालेन आउट साथी स्व. अजय त्रिपाठी के असामयिक देहांत के सदमे से उबर भी नही पाया था कि आज पुनः एक अतिथिविद्वान परिवार की सदस्य रूपा शर्मा के पति के देहांत का दुखद समाचार पूरे अतिथिविद्वान समुदाय पर भीषण वज्रपात के रूप में सामने आया है…. संकट के इस दौर से गुजर रहे हालात में पुनः सत्तासीन हुए प्रदेश के मुखिया और प्रदेश भर की महिलाओं के भाई व बेटियों के जगत मामा शिवराज इन्हे कब तक खून के आंसू बहने पर मजबूर करते रहेंगे ? या फिर संकट के समय में इनकी सुध लेकर इनके मृत हो चले शरीर में नियमितीकरण की प्राणवायु का संचार करते है ….

रूपा शर्मा शासकीय महाविद्यालय जयसिंहनगर जिला शहडोल में अतिथिविद्वान ग्रंथपाल के पद पर कार्यरत थी जो दिसंबर 2019 में नियमित नियुक्ति होने के कारण सेवा से फालेन आउट हो गई थी। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ मंसूर अली के अनुसार पिछले दो दशकों से मध्यप्रदेश की उच्च शिक्षा की रीढ़ रहे अतिथिविद्वान सरकारी बेरुखी से आज बदहाल स्थिति में जीवन यापन कर रहे है। हाल यह है कि वर्षों विभाग की सेवा करने के बाद आज उन्हें बेरोजगार किया जा रहा है जिसकी परिणति इस तरह की दुखद घटना के रूप में सामने आ रही है। स्व. अजय त्रिपाठी एवं अतिथिविद्वान रूपा शर्मा के पति स्व. अमित भट्ट का दुखद देहांत अतिथिविद्वानों की बदहाल आर्थिक स्थिति स्वयं बयान कर रहा है एवं प्रदेश सरकार के लिए खतरे का अलार्म है कि कहीं न कहीं कुछ गलत हो रहा है। लगातार आर्थिक तंगी, अनिश्चित भविष्य एवं बढ़ती पारिवारिक ज़िम्मेदारियों ने अतिथिविद्वानों के जीवन मे भूचाल ला दिया है, परिणामस्वरूप में अत्यधिक मानसिक तनाव एवं अवसाद की स्थिति में हैं। जिसकी परिणति इस प्रकार की दुखद घटना के रूप में सामने आ रही है।

पति के असामयिक निधन से बच्चों का भविष्य संकट में :-  अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ जेपीएस चौहान के अनुसार इस दुखद घटना से महिला अतिथिविद्वान साथी रूपा शर्मा के परिवार के समक्ष केवल रोज़ी रोटी का ही नही बल्कि छोटे छोटे बच्चों के लालन पालन का भी संकट उत्पन्न हो गया है। बकौल रूपा शर्मा इस अतिथिविद्वान व्यवस्था ने हमारा जीवन तो बर्बाद कर ही दिया हमारे बच्चों के भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। अब किस प्रकार मैं अपने बच्चों का लालन पालन एवं शिक्षा दे पाऊंगी यही सबसे बड़ी चुनौती है। कांग्रेस पार्टी की सरकार ने अतिथिविद्वानों से नियमितीकरण का वादा किया था लेकिन वह वादा भी कोरा चुनावी वादा निकला किन्तु अतिथिविद्वानों के संघर्ष के साक्षी रहे प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अतिथिविद्वान अब भी आशान्वित है कि अतिशीघ्र अतिथि विद्वानों की आत्महत्या और इलाज के अभाव में हो रही मौतों का संज्ञान लेते हुए अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित करें।
उच्च शिक्षित महिला की आर्थिक तंगी बनी इस दुखद घटना का कारण :- अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा में मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने कहा है कि मध्यप्रदेश की एक उच्च शिक्षित बेटी आर्थिक तंगी के कारण अपने बीमार पति का इलाज तक नही करा सकी। इस दुखद घटना से मध्यप्रदेश सरकार का महिला सशक्तिकरण एक बार फिर से कसौटी पर है, जहां एक उच्च शिक्षित महिला आर्थिक रूप से अपने आप को असहाय पा रही है। उल्लेखनीय है कि रूपा शर्मा के पति अमित भट्ट लीवर सम्बंधी बीमारी से ग्रसित थे। पति की लंबी बीमारी एवं उनके पति का कोई स्थायी रोजगार न होने से परिवार की सारी जिम्मेदारी प्रत्यक्षतः अतिथिविद्वान रूपा शर्मा पर आ गयी थी, एवं जब दिसम्बर 19 में उन्हें सेवा से फालेन आउट करके बेरोजगार कर दिया गया तब स्थिति और भयावह हो गई। नौकरी चले जाने से बच्चों की पढ़ाई एवं पति का इलाज दोनो बुरी तरह से प्रभावित हुए एवं अंततः आर्थिक तंगी के चलते उनके पति का दुखद देहांत हो गया।