पी एस सी की परीक्षा भ्र्ष्टाचार का माध्यम बनी – प्रजापति…. छिंदवाड़ा :- प्रदेश के महाविद्यालयों मे अतिथि विद्वान् भर्ती मे बहुत बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ हे इस आशय की जानकारी देते हुए हिन्द मज़दूर किसान पंचायत मध्य प्रदेश के महासचिव डी के प्रजापति एवं अतिथि विद्वान् प्राध्यापक डा. राजकुमार पहाड़े एवं डा सुदीश सूर्यवंशी ने कहा की प्रदेश सरकार महाविद्यालयों मे अतिथि विद्वानों के साथ अन्याय कर रही हे शिवराज सरकार ने पी एस सी की परीक्षा के माध्यम से भ्र्ष्टाचार का रास्ता खोज निकाला हे पी एस सी की परीक्षा को हर हाल मे समाप्त करने की मांग हिन्द मज़दूर किसान पंचायत ने की है पी एस सी परीक्षा मे 25 संसोधन किये गए यहाँ तक की रिजल्ट आने के बाद भी संसोधन जारी रहे यह साफ़ दर्शाता हे की यह परीक्षा पारदर्शी नहीं हे जिसके आधार पर प्रतिभागियों द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायलय मे SLP दायर की गयी जिसका सिविल क्रमांक 23658 एवं 23542 /2018 है जिसमे माननीय सर्वोच्च न्यायलय ने 4 सप्ताह मे म.प्र सरकार को जबाब प्रस्तुत करने का समय दिया हे किन्तु सरकार दवरा सर्वोच्च न्यायलय की अवमानना करते हुए भर्ती प्रक्रिया को चालू रखा गया हे जो यह दर्शाता हे की यह सरकार न्यायलयों के आदेशों को कोई तवज्जो नहीं देती हे यहाँ तक की भौतिक विज्ञानं और अर्थ शास्त्र मे रिजल्ट घोषित करने बाद इस रिजल्ट को रीवाइस किया गया तथा कामर्स मे MBA वालो को मौका दिया जिनका कामर्स विषय से किसी प्रकार का कोई वास्ता नहीं हे यह साबित करता हे की पूरी प्रक्रिया दोष पूर्ण हे और भ्रस्टाचार कर योग्य उम्मीदवारों को बाहर का रास्ता दिखाकर अपात्रो का चयन किया गया हे इसी तरह अतिथि विद्वान् भर्ती प्रक्रिया मे जिन मापदंडो को आधार बनाया गयाथा और इस हेतु जारी विज्ञापन मे भर्ती पंजीयन की अंतिम तारीख 28 अगस्त घोषित की गयी थी इस दिनांक तक कुल 28393 पंजीयन किये गये थे तथा कुल आवेदन 21487 आये थे परन्तु रातो रात नियमको ताक मे रखते हुए भ्र्ष्टाचार कर पिछले दरवाजे से आवेदकों के लिए रास्ता खोलकर अंतिम तिथि को 30 अगस्त कर दिया गया और 305 अन्य आवेदकों को प्रत्यक्ष तौर पर लाभ पहुंचाया गया हिन्द मज़दूर किसान पंचायत इसका हर स्तर पर विरोध जारी रखेगी