50 से अधिक नर्सों के साथ यौन शोषण के आरोपी डॉ. मरावी पर सरकार मेहरबान क्यों ..

हमीदिया अस्पताल की 50 से अधिक नर्सों के साथ यौन शोषण और दुष्कर्म करने के प्रयास के गंभीर आरोपों में घिरे हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. दीपक मरावी की जाचं के लिए आंतरिक परिवाद समिति बनायी गई थी, समिति द्वारा जांच के बाद डॉ. मरावी को क्लीन चिट दे दी गई। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने जांच समिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि समिति राज्य सरकार के इशारे पर काम कर रही है….

उन्होंने कहा कि राजधानी की सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल में जहां प्रदेश भर से मरीज अपना इलाज कराने आते हैं, उस अस्पताल में डॉ. मरावी द्वारा इस तरह का कृत्य प्रदेश को शर्मसार करने वाला है। जब रक्षक ही भक्षक बन जाये तो प्रदेश की जनता किस पर विश्वास करें यह गंभीर चिंता का विषय है।

संगीता शर्मा ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री हर मंच से यह कहते नजर जाते हैं कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः अर्थात जहां नारियों का सम्मान होता है, वहां देवता वास करते हैं।

शिवराज सिंह जी कुछ दिनों पहले ही आपने कहा था कि बेटियों की तरफ गलत नजर उठाने वालों के घर जमीदोंज कर दिए जायेंगे, बुलडोजर चलेंगे, ऐसे में देर नहीं होना चाहिए। क्यों नहीं चला डॉ. मरावी के घर बुलडोजर, क्यों जमीदोज नहीं किया गया?

सुश्री शर्मा ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि आखिरकार डॉ. मरावी पर इतने गंभीर आरोप लगने के बावजूद भी उन पर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई, किसके इशारे पर उन्हें क्लीनचिट दी गई। आखिर सरकार इस मामले पर गंभीर क्यों नहीं हैै? प्रदेश के मुखिया का इस तरह के मामलों पर असंवेदनशील होना प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा, उनकी अस्मिता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाती है।

सुश्री शर्मा ने कहा कि डॉ. मरावी द्वारा 50 से अधिक नर्सों के साथ किये गये यौन शोषण की घटना पर सरकार ने चुप्पी साध रखी है? डॉ. मरावी को बिना निलंबित किये जांच कमेटी बनाकर जांच को प्रभावित किया गया तथा उन्हें क्लीनचिंट दी गई। आखिरकार राज्य सरकार डॉ. मरावी पर इतनी मेहरबान क्यों हैं? उन्होंने मांग की है कि डॉ. मरावी को राज्य सरकार तत्काल निलंबित करें तथा मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय समिति बनाकर निष्पक्षता से पुनः जांच करायी जाये, ताकि हमारी पीड़ित बहनों को न्याय मिल सकें।