3 दिनों से लोगों को भड़का रहे थे कपिल मिश्रा….

हिंसक भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों और पेट्रोल पंपों पर पथराव किया जिससे कई अर्द्धसैनिक और दिल्ली पुलिस के जवानों समेत कम से कम 50 लोग घायल हो गए…24 जनवरी को जब तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और टेलीविजन चैनलों की स्क्रीन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भाषण चल रहा था तभी पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा का खुला खेल चल रहा था। देखते ही देखते सोशल मीडिया पर हिंसा की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल होने लगी जिन्होंने लोगों का ध्यान ट्रंप के दौरे से दिल्ली की हिंसा की ओर खींच लिया। इस हिंसा के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। मारे गए लोगों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल भी शामिल हैं।

24 जनवरी को अधिकारियों ने कहा था कि हिंसा में कम से कम चार लोग मारे गए। उन्होंने बताया कि मंगलवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। हिंसक भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों और पेट्रोल पंपों पर पथराव किया जिससे कई अर्द्धसैनिक और दिल्ली पुलिस के जवानों समेत कम से कम 50 लोग घायल हो गए।

पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज का भी सहारा लिया क्योंकि जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा में समर्थक और सीए विरोधी समूहों के बीच झड़पें हुईं। इसके बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा कर्मियों ने फ्लैग मार्च किया। पुलिस ने हिंसा से प्रभावित इलाके में सीआरपीएफ की धारा 144 लगाई है। चार लोगों के इकट्ठा होने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह स्थिति तब है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने भारत दौरे के दूसरे दिन दिल्ली में ही हैं।

ज्ञात हो कि 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के सीएए विरोधी आंदोलन को लेकर कहा था कि विरोध प्रदर्शनों को ‘चिन्हित क्षेत्रों’ में आयोजित किया जाना चाहिए और प्रदर्शनकारी सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध नहीं कर सकते हैं और दूसरों को असुविधा का कारण बन सकते हैं। जस्टिस एस के कौल और के एम जोसेफ की बेंच ने कहा था कि आप सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध नहीं कर सकते। ऐसे क्षेत्र में विरोध की अनिश्चित अवधि नहीं हो सकती है। यदि आप विरोध करना चाहते हैं, तो यह चिह्नित क्षेत्र में होना चाहिए। आप लोगों के लिए असुविधा पैदा नहीं कर सकते। कोर्ट ने आंदोलनकारियों से कहा था कि यह देखें कि क्या आंदोलन को कहीं और स्थानांतरित किया जा सकता है।

सके बाद कुछ सीएए विरोधियों ने शाहीनबाग आंदोलन से हटकर जाफराबाद में आंदोलन शुरु कर दिया। इसके बाद से भाजपा नेता कपिल मिश्रा लगातार सक्रिय रहे। कपिल मिश्रा ने 22 फरवरी को ट्वीट कर लिखा कि अभी रात को दिल्ली के जाफराबाद की मैन रोड पर भी कब्जा कर लिया गया है। एक और सड़क बंद ….बांटो बिरयानी।’

अभी रात को दिल्ली के जाफराबाद की मैन रोड पर भी कब्जा कर लिया गया है

एक और सड़क बंद ….

बांटो बिरयानी

२३ फरवरी को कपिल मिश्रा ने कई ट्वीट किए। एक ट्वीट में उन्होंने कहा था जाफराबाद में अब स्टेज बनाया जा रहा हैं। एक और इलाका जहां अब भारत का कानून चलना बंद। सही कहा था मोदी जी ने शाहीन बाग एक प्रयोग था। एक एक करके सड़को, गलियों, बाजारों, मोहल्लों को खोने के लिए तैयार रहिए।