20 वर्षों से अभी तक राष्ट्रीय ध्वज पुलिस अभिरक्षा में ….

दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कहा कि विगत 20 वर्षों से राष्ट्र गौरव तिरंगा झंडा सरकारी रिकॉर्ड में ही रखा है। सामाजिक कार्यकर्ता मोहनीश जबलपुरे इस झंडे को प्राप्त कर राष्ट्रीय पर्व पर सार्वजनिक स्थल में फहराना चाहते हैं। जबलपुरे का कहना है कि सरकारी रिकॉर्ड में 20 वर्ष से रखे राष्ट्रध्वज को बंधन से मुक्त कराया जाना चाहिए….

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद “दिग्विजय सिंह”  ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने आरएसएस के संस्थापक डॉ हेडगेवार की स्मृति में नागपुर में बने स्मारक में राष्ट्रीय ध्वज को फहराने से रोकने और जब्त किए जाने के मामले को उनके संज्ञान में लाते हुए कहा कि इस प्रकरण में जब्त राष्ट्रीय ध्वज 20 वर्षों से अभी तक पुलिस की अभिरक्षा में है और राष्ट्रभक्त नागरिक मोहनीश जबलपुरे उस झंडे को पुलिस के बंधन से मुक्ति दिलाने के लिए राष्ट्रीय पर्व पर ससम्मान फहराना चाहते हैं।

दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा कि नागपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मोहनीश जिवनलाल जबलपुरे ने इस संबंध में उन्हें बताया है कि 26 जनवरी 2001 को गणतंत्र दिवस के दिन नागपुर निवासी रमेश कलंबे,  उत्तम मेंढे और दिलीप छत्तानी ने रेशम बाग नागपुर स्थित डॉक्टर हेडगेवार स्मारक स्थल पर पहुंच कर राष्ट्रध्वज तिरंगे को फहराने की कोशिश की थी क्योंकि राष्ट्रीय पर्व पर इस संस्थान के लोग तिरंगा नहीं फहराते थे। स्मारक के कर्मचारियों ने उन्हें झंडा फहराने से रोका, जबलपुरे ने बताया कि वाद विवाद होने के बाद उन तीनों के विरुद्ध डॉ हेडगेवार स्मारक समिति के कर्मचारी सुनील कथले ने राष्ट्रध्वज फहराने की कोशिश करने पर स्थानीय कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज करा दी थी। ये उसी विचारधारा के लोग हैं जिन्होंने नागपुर के संघ मुख्यालय में 15 अगस्त और 26 जनवरी पर कई दशकों तक राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया था।

राष्ट्रीय ध्वज को डॉक्टर हेडगेवार स्मारक समिति के कार्यालय में लगाने का मुकदमा स्थानीय न्यायालय में 12 वर्ष तक चला।  सन 2013 में न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए तीनों अपराधियों को धारा 143, 148, 448, 323, 504, 506 बी और 149 से दोषमुक्त कर दिया और पुलिस द्वारा जब्त तिरंगे झंडे को जिला अधिकारी के यहां रखने का आदेश दिया गया। इस तरह “पहले तिरंगा बाद में रंग बिरंगा” का नारा लगाकर डॉक्टर हेडगेवार स्मृति कार्यालय में राष्ट्रध्वज लगाने वाले तीनों राष्ट्रभक्त बरी हो गए।  दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कहा कि विगत 20 वर्षों से राष्ट्र गौरव तिरंगा झंडा सरकारी रिकॉर्ड में ही रखा है। सामाजिक कार्यकर्ता मोहनीश जबलपुरे इस झंडे को प्राप्त कर राष्ट्रीय पर्व पर सार्वजनिक स्थल में फहराना चाहते हैं। जबलपुरे का कहना है कि सरकारी रिकॉर्ड में 20 वर्ष से रखे राष्ट्रध्वज को बंधन से मुक्त कराया जाना चाहिए।

“विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा” इस तराने को गाकर ये लोग बंधन में रखे गए इस झंडे को फहराना चाहते हैं। इस आशय के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अनुरोध किया है कि देश की आन-बान और शान के लिए जिस तिरंगे को हाथों में लेकर लाखों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों की आहुति दे दी उस तिरंगे को सरकारी बंधन से आजाद कराते हुए युवा समाजसेवी मोहनीश जबलपुरे को राष्ट्रीय पर्व पर फहराने के लिए सौंपा जाना चाहिए।                                                                                                                                                     साभार : मिडिया रिपोर्ट