17 सालों में 10 हजार 298 छात्र और 6999 बेरोजगारों ने आत्महत्या की ..

प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकार सभी राजनैतिक दलों ने तैयारिया जोर पाकड़ रही है ! प्रदेश के प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा एक्शन मोड़ में आ गए है ! दोनों ही तरफ से आरोप-प्रत्यारोपों का दौर जारी है इसी तारतम्य में  मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने आज शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए ….

मीडिया को संबोधित करते हुए भूरिया ने कहा कि शिवराज सरकार के 17 सालों में 10 हजार 298 छात्र और 6999 बेरोजगारों ने आत्महत्या की। उन्होंने कहा कि छात्रों में बेरोजगारी की निराशा इस हद तक व्याप्त हो गई कि उसने अपने उज्जवल भविष्य का अवसर न देखकर आत्महत्या को गले लगा लिया। उन्होंने यह आकड़े का आधार नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आधार पर जारी किए गए ..

विक्रांत भूरिया ने कहा कि 13 से अधिक सरकारी भर्ती और प्रवेश परीक्षा परीक्षाओं में 75 लाख से अधिक प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। पुलिस कांस्टेबल, खाद्य निरीक्षण चयन टेस्ट, सूबेदार उपनिरीक्षक व प्लाटून कमांडर, मिल्क फेडरेशन जैसी अनेक भर्ती परीक्षा में घोटाला किया गया। इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज और डेंटल कॉलेज का भर्ती घोटाला व्यापं से भी बड़ा है। शिवराज सरकार दोषियों को पकड़ने की बजाए संस्थाओं के नाम बदल रही है। भूरिया ने कहा कि अब बोर्ड परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं। यहां पेपर लीक करने वालों को रोजगार मिल रहा है।

भूरिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में भी एक गोगो मामा है, जब भी आता है तब कुछ न कुछ गोलियां देकर जाता है। प्रदेश में सरकार की बेरोजगार करने वाली नीति चल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 38 लाख लाग रोजगार कार्यालय में पंजीकृत है। इनमें से 21 लोगों को ही नौकरी मिली। यह बात खुद सरकार की तरफ से विधानसभा में दिए जवाब में स्वीकार की गई है।

भूरिया ने कहा कि चपरासी, चौकीदार के पदों के लिए ग्रेजुएट युवा आवेदन कर रहे है। यह बेरोजगारी का प्रदेश में हाल है। पिछले चार साल से एक भी भर्ती नहीं हुई। इसका जवाब कौन देगा। यहीं नहीं पात्र छात्र-छात्राओं को तीन साल से छात्रवृत्ति नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार को युवा महापंचायत की जगह महाशोक सभा करनी चाहिए थी।