10 हजार से ज्यादा कांग्रेसियों के इस्तीफे ….

भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अब इनकी यही पहचान होगी , कुछ दिन अटपटा जरुर लगेगा , फिर थोड़े दिनों में सब ठीक हो जाएगा !
 ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल होने के बाद आज दो दिवसीय दौरे पर भोपाल पहुंच रहे है। इससे पहले सिंधिया ने दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। शुक्रवार को सिंधिया वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ राज्यसभा के लिए पर्चा दाखिल करेंगे। वहीं सिंधिया के समर्थन में मध्यप्रदेश के कई कांग्रेस जिलाध्यक्षों सहित 10 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है..

जानकारी के मुताबिक 1 बजे भोपाल एयरपोर्ट पहुंचेंगे। एयरपोर्ट से वे भाजपा प्रदेश कार्यालय आकर पं. दीनदयाल उपाध्याय, विजयाराजे सिंधिया, कुशाभाऊ ठाकरे की प्रतिमाओं और माधवराव सिंधिया के चित्र पर माल्यार्पण करेंगे। इस दौरान कार्यालय में सिंधिया के स्वागत में एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।
अगले दिन यानी शुक्रवार 13 मार्च को दोपहर 12 बजे के आसपास सिंधिया फिर से भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचेंगे। जहां फिर से पं. दीनदयाल उपाध्याय, विजयाराजे सिंधिया, कुशाभाऊ ठाकरे की प्रतिमाओं और माधवराव सिंधिया के चित्र पर माल्यार्पण कर वे वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ  राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने विधानसभा जाएंगे।ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में मध्यप्रदेश के ग्वालियर, गुना, शिवपुरी के कांग्रेस जिलाध्यक्षों सहित 10 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। ये इस्तीफे राज्य स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक हुए हैं।
 बंगलूरू गए कांग्रेस के 19 में से 17 विधायकों ने बुधवार को वीडियो जारी कर ज्योतिरादित्य सिंधिया का समर्थन किया है। इन विधायकों ने कहा कि हम पूरी तरह से महाराज के साथ हैं। महाराज कहेंगे तो कुएं में भी कूद जाएंगे। 
खबरें झूठी :कांग्रेस के बागी विधायकों ने कहा कि उनसे कांग्रेस के किसी नेता ने मुलाकात नहीं की है। बंगलूरू में कांग्रेस के किसी नेता से मिलने या संपर्क करने की खबरें झूठी हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने कल दावा किया था कि 19 में से 13 विधायक फिर से कांग्रेस के साथ लौटने को तैयार हैं।
कमलनाथ सरकार में मंत्री और डबरा से विधायक इमरती देवी ने कहा कि हमें खुशी है कि सिंधिया ने भाजपा में जाने का निर्णय लिया है। महाराज जहां भी बोलेंगे वहां जाने को तैयार हूं। वे कुएं में कूदने कहेंगे तो वो भी कर दूंगी।
कमलनाथ सरकार संकट में, सियासी गणित :- 230 सदस्यीय मध्यप्रदेश विधानसभा में से दो सीटें खाली हैं, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। अब तक 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा भेजा है। अगर इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो कुल संख्या 206 हो जाती है, जिसके बाद बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी।22 विधायकों के इस्तीफे और चार के लापता होने के बाद कांग्रेस की सीटें 114 से घटकर 88 रह जाती हैं। वहीं, भाजपा की 107 सीटें हैं। 2018 में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक के समर्थन से कुल 121 विधायकों के साथ सरकार बनाई थी।