1 अप्रेल से बेरोजगार हो जायेंगे स्वास्थ्य कर्मी ..

प्रदेश भर के सभी शासकीय विभाग मौजूदा दौर में मानव संसाधन की कमी से दो-चार हो रहे है !  लाखो की संख्या में कर्मचारियों-अधिकारियो की कमी का खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत हो रही है ! सभी शासकीय कार्यालयों के आलाधिकारी कर्मचारियों का रोना रोकर अपनी जान बचा रहे है ! वहीं दूसरी और सरकार के पास पैसों की कमी के चलते अस्थाई और ठेके पर रखे कर्मचारियों को सेवा से प्रथक कर बेरोजगारी के दलदल में मरने के लिए मजबूर किया जा रहा है !

उधारी पर चल रही प्रदेश सरकार पशोपेश में है की आगामी साल में बे इस तरह की अनेकों समस्या के बीच अपने सपनों की सरकार कैसे बना पाएंगे ? परन्तु सरकारी कार्यकर्मो में अंधाधुंध पैसा खर्च किया जा रहा है , ऐसे में हल भी सरकारों को ही निकालना होगा और जनता को महंगाई की चाबुक बर्दास्त करने की शक्ति ग्राह करनी होगी….राकेश प्रजापति 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने एक आदेश जारी कर कोरोना काल में रखे गए स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाएं 31 मार्च तक ही लेने के आदेश दिए हैं।  कलेक्टर्स और सीएमएचओ को सम्बोधित पत्र में कहा गया है कि 01 अप्रैल 2022 से इनकी सेवाएं समाप्त मानी जाएँगी।

कोरोना महामारी  में लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए रखे गए स्वास्थ्य कर्मी अपनी सेवाएं अब आगे जारी नहीं रख सकेंगे।  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक प्रियंका दास  ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर्स और मुख्य चिकित्सा एवं स्यास्थ्य अधिकारी को इस विषय में पत्र भेजा है।
NHM संचालक ने पत्र में लिखा है कि कोरोना की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर अस्थाई मानव संसाधन रखने की स्वीकृति दी गई थी ! लेकिन अब अस्थाई मानव संसाधन पर खर्च होने वाले मासिक मानदेय के लिए बजट उपलब्ध नहीं हैं अतः भविष्य में इन्हें मासिक भुगतान नहीं किया जा सकेगा।
आगामी 01 अप्रैल 2022  से इन अस्थाई मानव संसाधन की सेवाएं स्वतः समाप्त हो जाएँगी।  ज्ञात हो की अस्थाई मानव संसाधन से मतलब उन स्वास्थ्य कर्मियों से है जिन्होंने अपनी जान और अपनी परिवार की चिंता किये बगैर अस्थाई रूप से कोरोना काल में 24 घंटे 7 दिन लगातार ड्यूटी दी है।  लेकिन अब इन्हें हटाने के आदेश NHM ने दिए हैं।   मिडिया रिपोर्ट