हनीट्रैप : महिला को दिल्ली पुलिस ने भोपाल से गिरफ्तार..

झूठा दिखावा और विलासिता पूर्ण जिंदगी जीने की चाह ने खासकर महिलाओं को अपराध के दलदल में इस तरह घसीट लिया है कि वह अब चाह कर भी अपराध के इस दलदल से निकल नहीं पा रही है ! जिस्मफरोशी के धंधे से जुड़ी यह महिलाएं अपराधी किस्म के लोगों के संपर्क में आकर गैंग (संगठित गिरोह ) तैयार कर बड़े और रसूखदार लोगों को हनीट्रैप में फ़ांसकर पैसे लूटने का काम कर रही है …. 

एक शातिर महिला जो स्वयं को सऊदी अरब की बताकर अमीर लोगों को हनीट्रैप के जाल में फंसाने वाली महिला को दिल्ली पुलिस ने भोपाल से गिरफ्तार कर लिया है। महिला ने ओखला के एक डॉक्टर को इलाज के बहाने ब्लैकमेल कर 50 लाख रुपये मांगे थे।

दिल्ली पुलिस ने भोपाल से एक पुरुषों को ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने वाली महिला को गिरफ्तार किया हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान जौहरी जबी उर्फ परवीन (56) के रूप में हुई है, जिसे भोपाल से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) रोहित मीणा ने कहा कि पेशे से डॉक्टर एक व्यक्ति ने 2018 में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया था कि उसे इलाज के बहाने प्रवीण नाम की एक महिला ने हनीट्रैप में फंसाया था।

पीड़ित व्यक्ति ने यह भी आरोप लगाया कि वह इलाज के लिए उसके क्लिनिक गई और कहा कि वह सऊदी अरब की रहने वाली है और अकेली रहती है। महिला ने इमरजेंसी वाले हालात का हवाला देते हुए उसे अपने आवास पर बुलाया और कोल्ड ड्रिंक में नशीली दवा मिलाकर पिलाने के बाद उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। वहां पहले से मौजूद उसके साथियों ने महिला के साथ डॉक्टर का वीडियो बनाया और उसके बाद उससे 50 लाख रुपये की मांग करने लगे।

जानकारी के मुताबिक़ जामिया नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 384 (जबरन वसूली के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया था और स्थानीय पुलिस द्वारा जांच की गई थी। जांच के दौरान उसके दो साथियों नूर मझर उर्फ असलम और महेंद्र को अप्रैल, 2019 में स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किया गया था। लेकिन महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सका, क्योंकि वह मामला दर्ज होने के तुरंत बाद फरार हो गई थी।

16 जून को क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि महिला झूठी पहचान पर भोपाल में रह रही है। इसके बाद पुलिस टीम का गठन किया गया, जो भोपाल गई और आरोपी महिला को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान जौहरी जबी ने खुलासा किया कि वह गिरोह के सरगना के निर्देश पर अमीर लोगों को फंसाती थी, जिसकी पहचान जहांगीर उर्फ शेखू के रूप में हुई है, जबकि गिरोह का एक अन्य सदस्य महेंद्र वीडियो बनाता था। इस तरह संगठित होकर लोगों से पैसा बसूलने का काम इस गिरोह के लोग करते थे