सैकड़ों कुत्तों के पिल्लों की जान ले चुके है ..

चूहे-बिल्ली , सांप-छछूंदर जैसे जंतु जगत के प्राणियों के जातीय दुश्मनी से तो सब वाकिफ़ है ! परन्तु देश काल परिस्थितयों से जातीय दुश्मनी सिर्फ इंसानों में ही नही बल्कि प्राणियों में भी देखने को मिलती है ! इसी तरह की एक दुर्घटना ने कुत्ते और बंदरो के बीच अस्तित्ब कायम रखने की जंग छिड़ गई है ! मुम्बईया भाषा में कहा जाय तो गैंगवार !  जिसमें दो गुट एक दूसरे की जान के प्यासे बने रहते हैं। पर क्या आपने कभी जानवरों की गैंगवार के बारे में सुना है? जी हां खबर है महाराष्ट्र के एक गांव की जहां पर बंदरों और कुत्तों के बीच पिछले 3 महीने से खूनी गैंगवार जारी है, और गांव के तमाम लोगों की कोशिशों के बावजूद यह खूनी संघर्ष रुकने का नाम नहीं ले रहा है..

जानकारों के मुताबिक घटना महाराष्ट्र के मजलगांव के लावूल गांव की जो कि बीड जिले के अंतर्गत आता है। बंदरों और कुत्तों के बीच इस खूनी संघर्ष की शुरुआत तब हुई जब कुत्तों ने मिलकर एक बंदर के बच्चे को मार डाला। बस इस घटना के बाद से ही बंदर झुंड के झुंड बनाकर कुत्ते के बच्चों की मौका मिलते ही हत्या कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि बंदर झुंड में एकत्र होकर मौका पाते ही कुत्तों के बच्चों ( पिल्लों )पर हमला करते हैं और  जैसे ही उनके हाथ कोई पिल्ला लग जाता है वे उसे उठाकर ऊंचाई पर जैसे पेड़ या किसी बिल्डिंग पर ले जाते हैं और वहां से नीचे फेंक कर मार डालते हैं। यह बंदर उस तरीके से अब तक लगभग एक सैकड़ा कुत्तों के पिल्लों की जान ले चुके हैं ! बंदरों और कुत्तों के बीच छिड़े इस खूनी गैंगवार से स्थानीय लोगों में खौफ का माहोल है। ज्ञात हो की यह खुनी जंग पिछले 3 महीने से जारी है ! इस खूनी संघर्ष की शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा प्रशासन को दी जा चुकी है ! परंती न तो वन विभाग और न ही जिला प्रशासन इस और ध्यान ही नहीं दे रहा है ! न ही इस मामले में अभी तक कोई कार्यवाही की गई है।