सृजनात्मक क्षमताएं चुनौतियों के अप्रत्याशित समाधान ढूंढकर लाती हैं ..

छिंदवाड़ा शासकीय महाविधालय चांद में राष्ट्रीय सेवा योजना विभाग द्वारा “नागरिक बोध, सृजनात्मक आजादी और आत्मनिर्भर भारत” विषय पर आयोजित व्याख्यान में प्रमुख वक्ता बतौर बोलते हुए भाजपा युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष श्री आदित्य ठाकुर ने कहा कि नवाचारों की अद्भुत सृजनात्मक क्षमताएं चुनौतियों के अप्रत्याशित समाधान ढूंढकर लाती हैं। आत्मनिर्भर भारत के लिए नागरिकों को आजाद होकर चुनाव करने के सक्षम बनाना ही सृजनात्मक आजादी की सही परिभाषा है….

प्रेरक वक्ता प्रो.अमर सिंह ने कहा कि कलात्मक आजादी वैश्विक समस्याओं पर विजय पाने के नवीन पहलुओं को वैचारिक मार्गदर्शन प्रदान करती है। आजादी राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत में सहेजे दुर्लभ मानव मूल्यों को मानवीय संवेदनाओं के क्रियान्वयन में सहूलियत प्रदान करती है।

प्राचार्य प्रो. डी.के. गुप्ता ने कहा कि आजादी प्राप्ति वैविध्य विचार विनिमय, असंभव करने की प्रेरणा और बेजोड़ कल्पना शक्ति को ईजाद करने में मार्ग प्रशस्त करती है। प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि आजादी लीक से हटकर सोच की मानसिकता को विकसित करने की अवधारणा है। प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि जिम्मेदार नागरिक किसी भी राष्ट्र की नींव के पुख्ता खंभे होते हैं।

प्रो. राजकुमार पहाड़े ने कहा कि जवाबदेह नागरिक देश की प्रभुसत्ता, एकता और अखंडता के रक्षक होते हैं। प्रो. विनोद शेंडे ने कहा कि आजादी सामाजिक समरसता की पोषक होती हैं और धार्मिक, भाषिक और प्रांतीय विभिन्नता की विरासत की पक्षधर भी। प्रो. रक्षा उपश्याम ने कहा कि आज़ादी सामासिक संस्कृति, प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा, मानव कल्याण आधारित आधुनिक वैज्ञानिक चिंतन और विश्लेषणात्मक सोच को बढ़ावा देने का अवसर है।

प्रो. सुरेखा तेलकर ने कहा कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हेतु संघर्ष जारी रखना आजादी के सही मायने हैं। कार्यक्रम में संतोष अमोडिया, सुनील पाटिल और कमलेश चौधरी का विशेष योगदान रहा।