“शेक्सपियर के कथानक आज भी अमर और प्रासंगिक हैं : प्रो. सिंह

छिंदवाडा // चांद: चांद कॉलेज में अंग्रेजी भाषा दिवस पर “शेक्सपियर दर्शन जीवन रहस्यों के उद्घाटन की विशद व्याख्या है” विषय पर आयोजित परिचर्चा में प्रमुख वक्ता प्रो. अमर सिंह ने कहा कि शेक्सपियर के कथानक आज भी अमर और प्रासंगिक हैं। उनके दर्शन मानवीयता के पाठ हैं,और कथानकों को जानना मानवता के रहस्यों का अध्ययन है, अनुभव के अर्थ समझ की कुंजी है और मानववाद की अकूत गाथा है। उनका साहित्य मानव जीवन के अनेक अनसुलझे रहस्यों का उद्घाटन है..

मानवता अनजाने में शेक्सपियर को ही अभिव्यक्त करती है। उनका दर्शन सार्वभौमिक, सर्वकालिक और सर्वमान्य है। हम सदैव उनके नाटक के पात्रों को ही जीते हैं। शेक्सपियर का साहित्य विश्व की विभिन्न संस्कृतियों के वैचारिक प्रवाह का संगम है, और आज तक मानव कल्याण पर हुई अभिव्यक्तियों का ऐसा पुल है, जहां से गुजरने में किसी की कोई वैचारिक असहमति नहीं है। उनका अंग्रेजी भाषा पर प्रभाव स्थाई है।

प्रो.डी.के.गुप्ता ने कहा कि विश्व साहित्य में शेक्सपियर के विचार सर्वजन हेतु लाभकारी ब्रांड हैं, जिन्हें बिना सोचे समझे आत्मसात किया जा सकता है। प्रो. जी. के. विश्वकर्मा ने कहा कि मानव जीवन के असंख्य दुखद आयामों पर शेक्सपियर का चिंतन अकाट्य सत्य मानवता की अमूल्य धरोहर है है। प्रो.आर.के.पहाड़े ने कहा कि शेक्सपियर को प्रकृति दर्शन, मानव स्वभाव के असंख्य चित्रण, त्रिकाल सत्य विचार और शक्ति के साहित्य में महारत हासिल थी।

प्रो. रक्षा विश्वकर्मा ने कहा कि शेक्सपियर की साहित्यिक वाणी बुद्धि के विकास का अंतिम मार्गदर्शन है, जिसे बिना संदेह के आत्मसात किया जा सकता है।। प्रो.विनोद कुमार शेंडे ने कहा कि शेक्सपियर स्वयं शिक्षित, स्वयं निर्णित, स्वयं सम्मानित और स्वयं सुरक्षित है। प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि शेक्सपियर की समालोचना का काम कोई और नहीं कर सकता है, सिर्फ़ और सिर्फ़ शेक्सपियर ही कर सकता है। परिचर्चा में अंग्रेजी साहित्य के सभी छात्रों ने शेक्सपियर दर्शन पर अपने विचारों से सहभागिता सुनिश्चित की।