शराब पर 10 % डिस्काउंट देने का ऑफर कैंसिल ….

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के आबकारी अधिकारी का आदेश विवादों में आने के बाद तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया। इस आदेश में आबकारी विभाग ने वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने वालों को शराब पर 10 फीसदी डिस्काउंट देने का ऑफर दिया था, यह खबर देश भर में जंगल की आग की तरह फ़ैल गई ! फिर क्या था भोपाल में हड़कंप मच गया , शिवराज सरकार की थू-थू होने लगी, इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर भी यूजर्स के तरह तरह के भद्दे कमेन्ट्स सामने आने लगे। इसे लेकर भाजपा विधायकों ने भी आपत्ति जताई ….

मंदसौर से भाजपा विधायक यशपाल सिसौदिया ने ट्वीट कर लिखा था कि जिला आबकारी अधिकारी ने प्रेस नोट जारी कर शराब पीने वालों को वैक्सीनेशन के दुसरे डोज लगाने पर ठेकेदार द्वारा मंदसौर की तीन दुकानों पर 10% भाव में छुट देने की बात कही है, यह नवाचार है जो उचित नहीं है और ना ही यह शासन का निर्णय है इससे पीने वालों का आकर्षण बढ़ेगा।

ज्ञात ही की शिवराज कैबिनेट में आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा का गृह जिला मंदसौर ही है,विवाद बढ़ने के बाद होश में आये आबकारी महकमें ने चूहे के बिल में वापसी की तरह विभाग ने जारी आदेश निरस्त कर रहत की साँस ली ।

ज्ञात हो कि कल मंदसौर जिला आबकारी अधिकारी के आदेश में लिखा था कि लाइसेंसी द्वारा कोविड-19 के दोनों डोज लगवाने का प्रमाण पत्र लाने वाले उपभोक्ता को मदिरा खरीदने पर 10% डिस्काउंट दिया जाएगा।” डिस्काउंट मिलने में कोताही ना हो, इसके लिए बाकायदा तीन अधिकारियों की ड्यूटी भी दुकानों पर लगा दी गई है।इतना ही नहीं साहब ने आदेश में संदर्भ दिया है कि ऐसा मंदसौर कलेक्टर गौतम सिंह के निर्देश पर किया जा रहा है।इस आदेश के वायरल होते ही हड़कंप मच गया और आज बुधवार को इस आदेश को निरस्त कर दिया गया है, हालांकि इस संबंंध में नया आदेश जारी नहीं किया गया है। देर शाम इस संबंध में नया आदेश जारी हो सकता है।

विवाद बढ़ने पर मंदसौर कलेक्टर गौतम सिंह का कहना था कि शराब ठेकेदार द्वारा तीन दुकानों पर वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र दिखाने पर छूट की घोषणा की गई है। यह छूट ठेकेदार द्वारा निजी रूप से दी जा रही है। जिला प्रशासन या सरकार की ओर से किसी प्रकार की कोई छूट नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर शराब ठेकेदार वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए किसी प्रकार की छूट का ऐलान करता है तो जिला प्रशासन को कोई आपत्ति नहीं है।