विशेषज्ञ वैक्सीन के प्रभावों की कर रहें है निगरानी …..

राष्ट्रीय एईएफई (टीकाकरण के बाद गंभीर प्रतिकूल प्रभाव) समिति के सामने दी गई एक प्रेजेंटेशन में सामने आया है कि 31 मार्च तक टीकाकरण करवाने के बाद 180 लोगों की मौत दर्ज की गई थी। इनमें से करीब 75 फीसदी लोगों की मौत टीका लगवाने के तीन दिन के अंदर हो गई।

जानकारी के अनुसार 31 मार्च तक देश में कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन लगवाने के तीन दिन के अंदर 93 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा टीकाकरण के बाद 276 लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। वहीं, 55 लोगों में टीकाकरण के बाद गंभीर प्रतिकूल प्रभाव दिखाई दिए।

प्रतिकूल प्रभावों के करीब 700 मामलों पर नजर :- इसके साथ ही भारत टीकाकरण के बाद सामने वाले गंभीर प्रतिकूल प्रभाव वाले करीब 700 मामलों की समीक्षा कर रहा है। यह कदम ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का टीका लगाए जाने के बाद दुनिया भर में सामने आई रक्त में असामान्य तरह के थक्के बनने की घटनाओं के बाद लिया गया है।

एईएफई समिति के एक सदस्य ने इस बारे में कहा कि यूरोपीय नियामक और विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के आधार पर हम चिंता पैदा करने वाले ऐसे मामलों पर नजर बनाए हुए हैं। भारत में विशेषज्ञ कोविशील्ड और कोवैक्सीन, दोनों के गंभीर प्रतिकूल प्रभावों पर नजर रख रहे हैं।

आंकड़े: टीका लगवाने के बाद क्या रही स्थिति :- * टीका लगवाने के चार से सात दिन के अंदर 18 लोगों की मौत हुई और 15 लोग अस्पताल में भर्ती करवाए गए। चार लोगों में गंभीर प्रतिकूल प्रभाव दिखे।
* टीकाकरण के आठ से 28 दिन के बीच 11 लोगों की मौत हुई और 13 लोग अस्पताल में भर्ती हुए। इस अवधि में चार लोगों में गंभीर प्रतिकूल प्रभाव दिखाई दिए।
* टीका लगवाने के 28 दिन बाद एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई और न ही किसी में गंभी प्रतिकूल असर दिखा। केवल एक को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।     साभार :अमर उजाला