लोकायुक्त के शिकंजे में अब डॉक्टर भी ..

प्रदेश में नौकरशाही आकंठ भ्रष्टाचार के दलदल में समा गई है ! सरकारी तंत्र में कार्यरत अधिकारी कर्मचारीयों ने पूरी की पूरी व्यवस्था को लचर कर दिया है ! इस दौर में चिकित्सको के चेहरों से मानव सेवा का पर्दा उतार फेंका है ! कोविड काल में जहाँ पूरी मानवता खतरे में आ गई थी वहां इन पिशाचों ने चील गिद्धों की तरह इंसान के आर्थिक कवच को नोच-नोच कर कंकाल में बदलने का काम किया है ! झूठ-फरेब और मौत का खौफ दिखाकर मानवता को सरे बाजार नंगा कर दिया धिक्कार है ! इन नर-पिशाचों पर अब सरकारी एजेंसियों ने सिकंजा कसना शुरू कर दिया है अब देखने बाली बात यह होगी की इनके जाल में कितनी मछलियां  और मगरमच्छ पकड़ में आते है ! यह तो वक्त ही बताएगा ! हमे आपको और सबको इन्तजार है इनके दिगम्बर दर्शन का ….

प्रदेश के गुना जिले में लोकायुक्त की टीम ने एक सहायक नेत्र चिकित्सक के घर पर छापा मारा है. जिले के दो जगहों पर ग्वालियर लोकायुक्त की 20 सदस्यी टीम कार्रवाई कर रही कर रही है. आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच चल रही है. डॉक्टर के घर अभी तक कार्रवाई चल रही है, इसका खुलासा जल्द ही किये जाने की उम्मीद है

 

जानकारों के मुताबिक गुना जिले के आरोन उप स्वास्थ्य केंद्र में के पी रघुवंशी सहायक नेत्र चिकित्सक के पद पर पदस्थ हैं. इनके पास आय से अधिक सपंत्ति होने की जानकारी मिली है. जिसके बाद ग्वालियर लोकायुक्ती की टीम ने दबिश दी है. डॉक्टर के पैतृक गांव घटावदा और गुना स्थित आकाशवाणी केंद्र के सामने मकान पर लोकायुक्त की कार्रवाई जारी है. लोकायुक्त डीएसपी प्रदुमन पाराशर और डीएसपी योगेश कृपलानी के नेतृत्व में छापेमारी की गई है।

सहायक नेत्र चिकित्सक कृष्णपाल सिंह (केपी) रघुवंशी के पास वर्तमान में नियमित शाखा के लेखापाल और रोगी कल्याण समिति का प्रभार है. इससे पूर्व बीपीएम का प्रभार रहा है. इसके अतिरिक्त प्रसूति सहायता योजना (अप्रैल 2018 तक), जननी सुरक्षा योजना (2006-09) तक का भी प्रभारी रहा है. आशा नियुक्ति से लेकर हितग्राही मूलक योजनाओं में भी बड़े घपले की शिकायत हुई थी। मिडिया रिपोर्ट