रेप की फर्जी रिपोर्ट करने पर वापस ली जाएगी मुआवजा राशि ..

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़ित से सरकार द्वारा प्रदान की गई मुआवजा राशि वापस लेने के निर्देश ट्रायल कोर्ट को जारी किए हैं। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान पाया कि पीड़िता ने ट्रायल में आरोपों को पहचानने से नकार दिया है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पीड़िता ने स्वयं स्वीकार किया है कि उसने झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई है। टैक्सपेयर के रुपये से राज्य सरकार पीड़िता को मुआवजा राशि प्रदान करती है। मुआवजा राशि कोषागार में जमा करवाने के लिए पीड़िता को आदेश पारित करें..

ज्ञात हो कि रेप के आरोप में गिरफ्तार सागर निवासी बबलेश की तरफ से जमानत के लिए हाईकोर्ट में दूसरा आवेदन पेश किया गया था।

सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से डीएनए रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने की जानकारी पेश की गई। याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि ट्रायल कोर्ट में पीड़िता ने अपने बयान दर्ज करवाए हैं।

पीड़िता ने अपने बयान में कहा है कि याचिकाकर्ता से हम लोगों का विवाद चलता था। साथ में काम करने वाले लोगों ने आवेदक बनाकर मुझसे पुलिस में आवेदन दिलवाया था। उसके साथ इसके अलावा कुछ नहीं हुआ था।

पीड़िता के दादी व चाचा भी अपने बयान से मुकर गए हैं। याचिकाकर्ता गत 3 नवंबर 2011 से न्यायिक अभिरक्षा में है।

दूसरे जमानत आवेदन की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर याचिकाकर्ता को जमानत प्रदान करने के निर्देश जारी किए हैं। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पीड़िता ने स्वयं स्वीकार किया है कि उसने झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई है। टैक्सपेयर के रुपये से राज्य सरकार पीड़िता को मुआवजा राशि प्रदान करती है। मुआवजा राशि कोषागार में जमा करवाने के लिए पीड़िता को आदेश पारित करें।  साभार : अujala