रीति, नीति और प्रीति उत्कृष्ट प्रबंधन की सीढ़ी हैं : प्रो. कामना वर्मा

राजमाता सिंधिया शासकीय कन्या महाविद्यालय छिंदवाड़ा के सभागार में प्रो. कामना वर्मा के प्राचार्य पद पर अपनी लंबी रिकॉर्ड पारी खेलने के बाद हुई सेवानिवृत्ति पर स्टाफ द्वारा आयोजित भव्य भावभीने सम्मान समारोह में प्रो. वर्मा की ऐतिहासिक सेवाओं का उल्लेख करते हुए प्रभारी प्राचार्या डॉ. अजरा एजाज ने कहा कि विनम्रता किसी भी व्यक्ति की सबसे बड़ी अद्भुत ताकत होती है, जिसका बखूबी इस्तेमाल कर प्रो.कामना वर्मा ने महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम की है। प्रो. वर्मा ने सम्मान समारोह में मिले अपार सम्मान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए रूंधे गले से कहा कि उन्होंने रीति, नीति और प्रीति के मनोवैज्ञानिक प्रबंधन से अपने साथियों में छिपी संभावनाओं को उभारकर अपनी नियुक्ति के संस्थान की पुनीत नियति से सेवा की, जिसमें किसी भी मानवीय मूल्य से समझौता नहीं किया..

भोपाल से पधारी समाजशास्त्री प्राध्यापक डॉ. अर्चना गौर ने प्रो. वर्मा के सम्मान में कहा कि जीवन व्यवहार में सर्वोच्च सकारात्मकता के दिव्य हथियार को जिस तरह से प्रो. वर्मा ने अपने आचरण की सभ्यता का अभिन्न अंग बनाया, वह किसी भी प्रबंधन गुरु की खूबियों में से एक होती है।

राजनीति विज्ञान की पारखी प्रो. पम्मी चावला ने कहा कि मनोवैज्ञानिक की प्राध्यापिका प्रो.वर्मा ने संप्रेषण कौशल के अपने अनूठे अंदाज की भेंट हर अपने मिलने वाला रिटर्न गिफ्ट के रूप में दी है। भौतिक विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. महिम चतुर्वेदी ने कहा कि प्रो.वर्मा ने अपने संपूर्ण सेवा काल में कर्मसिद्धि को ही पूजा मान सरकारी सेवा के जो उत्कृष्ट मानदंड स्थापित किए हैं, वे भावी पीढ़ी के लिए मार्गदर्शी साबित होंगे।

प्रो.संजय मुंजे ने प्रो.वर्मा को दूसरों के परिप्रेक्ष्य को समझने वाली निर्विवाद न्यायप्रिय प्राचार्य की संज्ञा दी। चांद कॉलेज प्रेरक वक्ता प्रो. अमर सिंह ने अनौपचारिक चर्चा में कहा कि प्रो. वर्मा उच्च शिक्षा के इतिहास में सौम्य, सुशील और सौजन्य की सुरभि की आभा से महकता हुआ सदाबहार पुष्प हैं, जिसकी खुशबू से कोई भी अपरिचित कभी भी अछूता नहीं रहा है। क्रीड़ाधिकारी प्रो. अजय ठाकुर ने प्रो. वर्मा की खेल गतिविधियों से जुड़ी रुचि का जिक्र करते हुए कहा कि प्रो. वर्मा के अनुकरणीय नेतृत्वपूर्ण मार्गदर्शन में कन्या महाविद्यालय की छात्राओं को राष्ट्रीय स्तर पर कॉलेज का नाम रोशन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। संस्कृत की प्रो.ऊषा भारती ने प्रो. वर्मा को भारत की पुरातन सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधि कहा जिससे छात्रों की एक पूरी पीढ़ी लाभान्वित हुई है।

वाणिज्य के प्राध्यापक डॉ. दिनेश चौधरी ने प्रो. वर्मा के छात्रों को दक्षता हासिल करने के हुनर से कदर करवाने के दर्शन की भूरि भूरि प्रशंसा की। कार्यालय के वरिष्ठ प्रबंधक आर.एस. नागोतिया ने प्रो. वर्मा के साथ दी गई अपनी सेवाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रो.वर्मा ने कभी भी बॉस के रूप में पेश न आकर अपने हर अधीनिष्ठ को हमेशा यथोथित सम्मान देकर और अधिक काम करने को प्रेरित किया। कार्यालयीन लिपिक दिनेश तिवारी ने कहा कि किसी भी विपरीत परिस्थिति में उम्दा सलाहकार प्रो. वर्मा को कभी भी अधिकारी होने के गुरूर ने कभी भी छुआ तक नहीं।

अतिथि विद्वान प्राध्यापक डॉ. मनिंदर सिंह भाटिया ने प्रो. वर्मा की प्राचार्य अवधि में दी गई सभी अतिथि विद्वानों की सेवा को अपना स्वर्णिम काल करार दिया। प्रो. वर्मा के बेटे अनमोल ने कहा कि मेरी मां ने मुझे किसी भी हार को जीत में बदलने के संस्कार दिए। दूसरे बेटे अमन ने कहा कि मेरी मां ने अपनी तमाम प्रशासनिक व्यस्तताओं के बावजूद अपनी संतान को वक्त देने में कोई कोताही नहीं बरती। समारोह में जिले की तमाम उच्च शिक्षा के प्राध्यापकों की गरिमामई उपस्थिति रही।