रि.जनपद पंचायत CEO के घर ईओडब्ल्यू का छापा….

करोड़ों की संपत्ति का हुआ खुलासा…देश में महंगाई और प्रदेश में शासकीय अमलों में पदस्थ कर्मियों में भ्रष्टाचार इस कदर बड़ा हैं प्रदेश की आवाम का कोई भी शासकीय कार्य बिना चड़बे के होना मुमकिन ही नही है और यह भ्रष्ट नौकरशाह भ्रष्टाचार के माध्यम से कमाई कर करके आकूत संपत्ति के मालिक बन बैठे हैं !ऐसा नहीं है कि इन पर कार्यवाही नहीं होती परंतु कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही अब तक के परिदृश्य में रेखा अंकित होती नजर आ रही है ऐसे में जनता आखिर करे तो क्या करें सारे गवर्नमेंट इंस्टिट्यूशन पर प्रश्न चिन्ह लगता नजर आ रहा है ? ठोस कार्रवाई के बिना इस प्रदेश से भ्रष्टाचार क्या मुक्त हो पाएगा यह विचारणीय विषय है ? इसका आकलन सरकार और नौकरशाह दोनों को करना होगा तभी कुछ राहत प्रदेशवासियों के नसीब होगी ….?

मंडला में जनपद पंचायत के प्रभारी सीईओ रहे सेवानिवृत्त अधिकारी नागेंद्र यादव के खिलाफ गुरुवार को पुलिस ने शिकंजा कस दिया। नौकरी में रहते आय से करीब आठ गुना अधिक संपत्ति के आसामी नागेंद्र के जबलपुर मंडला और भोपाल स्थित ठिकानों पर ईओडब्ल्यू ने गुरुवार को सुबह करीब छह बजे एक साथ छापामारी की। तीनों जिलों में नागेंद्र यादव की संपत्तियों का पता चला है। ईओडब्ल्यू एसपी देवेंद्र सिंह राजपूत ने कहा कि नागेंद्र यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत प्राप्त हुई थी। मंडला में नागेंद्र का एक मकान है। जहां पर ताला लगा हुआ है।

ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने बताया कि नागेंद्र यादव द्वारा अर्जित करीब 85 लाख रुपये की संपत्ति का पता चल चुका है। जबकि शासकीय सेवा में रहते उसे 11 लाख रुपये वेतन के रूप में प्राप्त हुए थे। ईओडब्ल्यू अधिकारियों ने बताया कि जबलपुर और भोपाल में नागेंद्र ने किराए का मकान लिया था। उसकी दो बेटियां हैं जिसमें से एक का विवाह हो चुका है तथा दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। जबलपुर में सर्च कार्रवाई के बाद ईओडब्लू के अधिकारी उसे साथ लेकर पहले मंडला उसके बाद भोपाल जाएंगे।

अधिकारियों ने बताया कि नागेंद्र आदिवासी विकास विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में भर्ती हुआ था परंतु करीब 10 साल पहले सांठगांठ के चलते उसे जनपद पंचायत मंडला में सीईओ का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया था पद पर रहते हुए उसने अकूत कमाई की।

ईओडब्ल्यू एसपी देवेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि नागेंद्र यादव के जबलपुर तिलहरी थीम पार्क स्थित किराए के मकान में सर्च कार्रवाई जारी है। सर्च कार्रवाई पूर्ण हो जाने के बाद ही आय से अधिक संपत्ति के बारे में स्पष्ट जानकारी दी जा सकेगी।अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक नागेन्द्र यादव की नियुक्ति वर्ष 1990 में आदिम जाति कल्याण विभाग मंडला में मंडल संयोजक के पद पर हुई थी। वर्ष 2005 में वो प्रतिनियुक्ति पर जनपद पंचायत घुघरी जिला मंडला, घंसौर जिला सिवनी, शहडोल में मुख्य कार्यपालन अधिकारी पदस्थ रहा।

उक्त सेवाकाल में कुल प्राप्त वेतन से बचत 11,91,807 रुपये रही। जबकि खर्च 97,30,181 रुपये रहा जो कि आय से 85,38,374 रुपये (716%) अधिक है। संपत्ति के बारे में मिली जानकारी के अनुसार तिलहरी जबलपुर में मकान, महाराजपुर मंडला में मकान और व्‍यवसासिक काम्‍प्‍लेक्‍स, विनायक होम्‍स भोपाल में मकान, पत्‍नी अनीता यादव के नाम पर महाराजपुर मंडला में कृषि भूमि के दस्‍तावेज मिले हैं। इसके अलावा आरोपित और स्‍वजन के नाम विभिन्‍न बैंकों में खाते, स्‍कार्पियो वाहन, व मोपेड मिली है। इलाहाबाद बैंक और एसबीआइ में लॉकर की जानकारी भी मिली है।