राज्यसभा सांसद बनने कांग्रेस में सिर फुटव्वल ..

आगामी जून माह में मध्यप्रदेश से एक राज्यसभा सीट खाली हो रही है ! जून 2022  में कांग्रेस राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का कार्यकाल खत्म हो रहा है ! इसे लेकर कांग्रेसी लामबंद होने लगे है ! ज्ञात हो की ठीक २ साल पहले भी राज्यसभा में जाने को लेकर मची होड़ ने कमलनाथ कांग्रेस सरकार गिराने की प्रष्ठ भूमि शुरू हुई थी , जो कमलनाथ को मुख्यमंत्री के पद से पदच्युत करके और कांग्रेस की भयंकर टूट हुई थी , जिसने कमलनाथ के राजनैतिक जीवन के लिए कलंक का अध्याय लिख दिया ! जिसकी कसक आज भी कमलनाथ के चेहरे पर साफ़ झलकती ही और इसका दर्द जुबां पर आ ही जाता है  …. 

मध्यप्रदेश कांग्रेस में राज्यसभा सांसद बनने के लिए लॉबिंग शुरू हो गई है. दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन मौका किसे मिलेगा यह हाईकमान तय करेगा. इसीलिए बड़े नेता दिल्ली दरबार में दस्तक दे रहे हैं. अपने-अपने स्तर पर लॉबिंग करने में नेता जुट गए हैं।

कमलनाथ, अरुण यादव के बाद अब अजय सिंह, कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे हुए हैं. उन्होंने सोनिया गांधी से मिलने के लिए समय मांगा है. इससे पहले अरुण यादव ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।

अरुण यादव पार्टी के बेहद वरिष्ठ नेता हैं इसके बाद भी वे बीते दो साल से प्रदेश में कांग्रेस संगठन द्वारा उपेक्षित चल रहे हैं। यादव भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद रिक्त हुई खंडवा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के यादव प्रबल दावेदार थे। वे सीट रिक्त होने के बाद से ही इलाके में पूरी तरह से सक्रिय हो गए थे, लेकिन अंतिम समय में उन्हें चुनाव लड़ने से इंकार करना पड़ गया था।

इसके बाद से ही उनकी प्रदेश संगठन को लेकर जमकर नाराजगी बनी हुई है। यही नहीं प्रदेश संगठन द्वारा उनके समर्थक माने जाने वाले दो जिलाध्यक्षों को भी हटा दिया गया था। इसके बाद से उन्हें न तो संगठन की बैठकों में बुलाया जाता है  और न ही पार्टी के कार्यक्रमों में तबज्जो दी जा रही है, जिसकी वजह से उनके द्वारा सोनिया गांधी से मिलने के लिए समय मांगा गया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें बीती शाम का वक्त दिया था।

सूत्रों का कहना है कि मुलाकात के दौरान यादव ने मध्यप्रदेश के संगठन को इलेक्शन मोड में लाने के लिए एक कार्य योजना भी सोनिया गांधी को सौंपी है। इस कार्ययोजना में यादव ने कांग्रेस संगठन को प्रदेश में कैसे सक्रिय किया जाए, इसको लेकर विभिन्न बिंदुओं में जानकारी दी । सूत्र बताते हैं कि चर्चा में मध्यप्रदेश के कांग्रेस संगठन में क्या चल रहा है और क्या होना चाहिए ? इस मुद्दे पर खास फोकस रहा। कमलनाथ के चापलूस और स्वार्थी तत्वों से धीरे रहने के कारण उनसे मुलाक़ात न होना ! मिडिया से भी दूरी , चलो चलो की नीति , सदन के अन्दर भी पूअर परफार्मेन्स ,सदन में विधायको को साथ लेकर नही चलना और वास्तविकता से अनभिज्ञता भी कमलनाथ के लिए आने बाले समय में खतरे की घंटी सबित हो सकता है !

ज्ञात हो की अर्जुन सिंग के सुपुत्र अजय सिंह “राहुल ” पार्टी के वरिष्ठ नेता है और इनकी पकड़ विन्ध ,बुंदेलखंड सहित अर्जुन सिंग के समर्थको सहित पूरे राज्य में है ! ये पूर्व में नेता प्रतिपक्ष भी रहे है और धीर गंभीर बिषयो पर भाजपा को सदन के अन्दर और बाहर घेरते रहे है ! कमलनाथ की एकला चलो की नीति ने इन्हें भी अलग थलग कर दिया है !

सूत्रों के मुताबिक़ भाजपा अजय सिंह “राहुल ” को घेरने में लगी हुई है और प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से इनकी दो बार मुलाक़ात भी हो चुकी है ! सोनिया से मुलाक़ात के बाद प्रदेश में कांग्रेस के क्या समीकरण बनते है यह तो आने बाला समय ही बताएगा ? परन्तु इतना तो तय है की जो भी हो वःह कमलनाथ के हित में नही होगा ?

ज्ञात हो कि  जानकारी के अनुसार जी 23 ग्रुप से जुड़े होने के चलते तन्खा को कांग्रेस दोबरा राज्यसभा भेजने के मूड में नहीं है. तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तन्खा पर डोरे डाल रहे हैं, तन्खा भी राज्यसभा जाना चाहते हैं।