राजनीति शास्त्र और भूगोल विभाग को मिली शोध केन्द्र की मान्यता ..

राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिन्दवाडा द्वारा गत दिनों एक अधिसूचना जारी कर शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय छिन्दवाडा के राजनीति शास्त्र और भूगोल विभाग को विश्वविद्यालय के की मान्यता प्रदान
की गई हैं । साथ ही हिन्दी, भूगोल और राजनीति शास्त्र विभागों के 4 प्राध्यापकों और एक सहायक प्राध्यापक को शोध निर्देशकों के रूप में पंजीकृत कर मान्यता प्रदान की गई है।
शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय छिन्दवाडा के प्राचार्य डॉ.अमिताभ पाण्डे ने बताया कि महाविद्यालय के जिन 2 राजनीति शास्त्र एवं भूगोल विभाग को शोध केन्द्र और 5 शोध निर्देशकों को विश्वविद्यालय के शोध केन्द्र और शोध निर्देशक की मान्यता प्रदान की गई हैं, वे पूर्व में भी डॉ.हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर द्वारा मान्यता प्राप्त पंजीकृत शोध केन्द्र और शोध निर्देशक के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार महाविद्यालय में हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष व प्राध्यापक डॉ.लक्ष्मीचंद और सहायक प्राध्यापक डॉ.लक्ष्मीकांत चंदेला, भूगोल विभाग के प्राध्यापक डॉ.डी.डी.विश्वकर्मा और डॉ.अर्चना भार्गव तथा राजनीति शास्त्र विभाग के प्राध्यापक डॉ.राजेन्द्र कुमार मिश्रा को शोध निर्देशकों के रूप में पंजीकृत कर मान्यता प्रदान की गई है । उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए जहां कुलपति डॉ.एम.के.श्रीवास्तव को धन्यवाद ज्ञापित किया है, वहीं दूसरी ओर इस आदिवासी अंचल में शोध के लिये प्रतीक्षारत कई शोधार्थियों में हर्ष की लहर व्याप्त हो गई है।