मेट्रोमोनियल वेबसाइट के जरिए ठगी ..

बैंक खाते खुलवाते ही है बेचने के लिए ,ठगी के लिए वह बैंक खाते खरीदते थे,गांववालों को पता है, उनके नाम के बैंक खातों को इस्तेमाल लोगों से ठगा पैसा जमा करने के लिए होता है.. प्रदेश के ग्वालियर में मेट्रोमोनियल वेबसाइट के जरिए ठगी करने वाली नाइजीरियन गैंग ठगी के लिए 3-3 हजार रुपए में बैंक अकाउंट खरीदती थी। यह खुलासा गैंग के तीसरे साथी की गिरफ्तारी के बाद हुआ है। इसे क्राइम ब्रांच ने देश के पश्चमी छोर नागालैंड से गिरफ्तार किया है। उसने खुलासा किया है कि नागालैंड के लोग बैंक में खाते ही सिर्फ इसलिए खुलवाते हैं कि उनको बेचकर पैसा मिल सके..

क्राइम ब्रांच को 3 बैंक खातों से 90 लाख रुपए मिले हैं। चंद रुपए के लिए अपना खाता ठगों को बेचना पूरे गांव का पेशा है। जिनसे खाता खरीदने हैं वह नाम पता बता देते हैं, गांव वाले सब्जी, मछली के ट्रक में पासबुक और एटीएम कार्ड रखकर उनके ठिकाने पर पहुंचा देते हैं। अब पुलिस इसी ठिकाने की तलाश में लगी है।

मेट्रीमोनियल वेबसाइट के जरिए लोगों का ठगने वाली गैंग का खुलासा क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था। यह नाइजीरियन गैंग ने पूरे देश में ठगी की थी। उपनगर मुरार की एक डॉक्टर को ठगने के बाद यह पूरे मामले का खुलासा हुआ था। जिस पर क्राइम ब्रांच ने दिल्ली से नाइजीरियन गैंग के दो ठगों क्रिस ओकाफर, नैंसी उर्फ नोनसो इफिडियारो को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ के बाद पता लगा था कि ठगी के लिए वह बैंक खाते खरीदते थे।

ठग गैंग को बैंक खाते मुहैया कराने वाला ईस्ट दीनापुर, नागालैंड निवासी एनुअल इस्लाम है। उसने तीन बैंक खाते दीनापुर में खुलवाए थे। उन्हें मेट्रोमोनियल साइट पर ठगी करने वाले नाइजीरियन क्रिस ओकाफर, नोनसो इफिडियारो को सिर्फ 3-3 हजार में तीन बेचा था। एनुअल पेशे से पुताई करता है। मूलतः मेरावरी, मोरे गांव असम का रहने वाला है। इन दिनों वर्मा कैंप, नागालैंड में रहता है। इन तीन बैंक खातों में ठगी का 90 लाख रुपए गए हैं।

गांव के लोग देते हैं ठगों का साथ :-
एनुअल ने पूछताछ में बताया गांववालों को पता है, उनके नाम के बैंक खातों को इस्तेमाल लोगों से ठगा पैसा जमा करने के लिए होता है। लेकिन ज्यादातर केस में पुलिस किसी की तलाश में नहीं आती। जब कभी बाहर की पुलिस आती है तो गांव वाले भी व्यक्ति को छिपा देते हैं जिसकी पुलिस को तलाश है।

15 दिन की घेराबंदी के बाद गिरफ्तार :- 
क्राइम ब्रांच डीएसपी रत्नेश तोमर ने बताया ठग गैंग को खाता मुहैया कराने वाले को राउंडअप करने के लिए टीम 15 दिन तक दीनापुर नागालैंड में डेरा डाले रही। आरोपी की लोकेशन मिलने पर उसे अरेस्ट किया। उससे ठगी करने वाले और गैंग के बारे में पूछताछ की जा रही है। यहां पुलिस को भाषा व खाने पीने की समस्या भी आई, लेकिन टीम डटी रही। साभार : मिडिया रिपोर्ट