मुख्यमंत्री सहित पूरे मंत्री मण्डल पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का प्रकरण ..

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और उनके पूरे मंत्री मण्डल के विरूद्व आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का प्रकरण दर्ज करने की कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग से की मांग ..

प्रदेश में वर्तमान में त्रिस्तरीय पंचायती एवं नगरीय निकाय के चुनाव की प्रक्रिया के चलते आदर्श आचार संहिता प्रभावशील है। आचार संहिता के चलते मतदाताओं को प्रलोभित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा लोक लुभावनी घोषणाऐं नहीं की जा सकती, किंतु आज 7 जून 2022 को मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान एवं उनके मंत्रीमंडल के सहयोगियों द्वारा कैबिनेट की बैठक कर ऐसे लोक लुभावनें निर्णय लिये गये हैं, जिसमें बसों का 130 करोड़ का टैक्स मांफ करना, किसानों को लैण्ड पूल में भागीदार बनाना, दतिया में 330 मेगावाट सौर ऊर्जा को मंजूरी देना, बुरहानपुर में इंडस्ट्री खिलौने निर्माण एवं टेक्टाईल में कलस्टर की मंजूरी देना, भूमिहीन पूजारियों को 5 हजार का मानदेय देना तथा प्रसूति सहायता में 4 हजार रू. की अतिरिक्त राशि देने की घोषणा ऐसे कई निर्णय लिये गये है जो कि चुनाव प्रक्रिया दौरान प्रतिवंधित है….

 

मंत्रीमंडल द्वारा ऐसे निर्णय लेकर पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में मतदाताओं को सीधे-सीधे प्रलोभन दिया गया है, जिससे कि चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को लाभ मिल सके जो प्रभावशील आदर्श आचार सहिता का खुला उल्लंघन है।

 

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और चुनाव आयोग कार्य के प्रभारी जे.पी. धनोपिया ने राज्य निर्वाचन आयोग को उक्त संबंध में एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एवं उनके मंत्रीमंडल के सहयोगियों द्वारा कैबिनेट की बैठक में ऐसे लोक लुभावन निर्णय लेकर आदर्श आचार सहिता का घोर उल्लंघन किया है।

 

 

इसलिये मुख्यमंत्री और उनके मंत्रीमण्डल के विरूद्व आदर्श आचार सहिता के उल्लंघन का प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जावें तथा साथ ही मंत्रीमंडल द्वारा जो उपरोक्त निर्णय लिये गये हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से निरस्त घोषित किया जावें। ताकि प्रदेश में हो रहे पंचायत एवं नगरीय निकाय के चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र रूप से सम्पन्न हो सके जो प्रदेश की जनता के हित में न्यायोचित होगा।