महिला पुलिस अधिकारी ने पेश की मानवता की मिसाल….

खासकर अपराधियों में भय पैदा करने वाली पुलिस का एक तारीफ मान चेहरा ऐसा भी है जिसे शायद ही आपने देखा सुना होगा थाना चौरई में पदस्थ महिला पुलिस अफसर निरीक्षक शशि विश्वकर्मा ने इंसानियत के मद्देनजर एक ऐसी अधबुद्ध मिसाल पेश की है जिसकी हर कोई तारीफ किए बिना रह नही सकता। वैसे तो 21वीं सदीं में पुलिस का नाम जनता जनार्दन के जुबान पर आते ही तमाम तरह की नकारात्मक छवि उभरकर मानसिक पटल के मध्य बिम्ब के सामने आती थी।हालांकि इन सब बातों से परे हटकर चौरई पुलिस की एक कर्तव्यपरायणता का नवीन चेहरा उभर कर जनता के समक्ष आ बैठा है। दरअसल अपराधियों में भय पैदा करने वाली पुलिस ने चौरई के गड़खापा में इंसानियत की एक ऐसी मिसाल पेश की है जो निस्संदेह तारीफ ए काबिल है……✍ महेश शिवहरे पत्रकार जुन्नारदेव
चौरई थाना भारसाधक पुलिस अधिकारी निरीक्षक शशि विश्वकर्मा को ग्राम गड़खापा की सूचना मिलते ही कि पानी मे डूबने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है विहंगम व दुर्गम क्षेत्र होने के कारण शव पोस्टमार्टम कराने हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है बस इतनी चुटकी भर भनक लगते ही चौरई थाना प्रभारी निरीक्षक शशि विश्वकर्मा ने अदम साहस व इंसानियत का परिचय देते हुए अपनी गाड़ी से शव को संबंधित अस्पताल पहुंचाया।।
इधर पुलिस के इस नेकशील व परोपकारी काम की चर्चा फैलते ही पूरे शहर सहित ग्रामीण मंजरे टोलों में भी इस पुलिस अफसर के द्वारा पेश की गई इस इंसानियत एवं मानवता की मिसाल की कोई तारीफ करें वगैर रह नही सका।
दरअसल यह घटना रविवार शाम चौरई थानांतर्गत के ग्राम गड़खापा की है यहां भूरा नामक व्यक्ति अत्यधिक शराब के नशे में धुत्त होकर ग्राम के समीप स्थित नाले को पार करते समय पानी में जा डूबा इस दौरान लोगो ने उपस्थित कई लोगों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई भी शख्स उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया उल्टा अनसुना कर आगे बढ़ गए।।
तभी सूचना पर पहुंची चौरई थाना प्रभारी शशि विश्वकर्मा ने तुरंत गाड़ी में ही शव को रखने के लिए कहा और सहयोगी स्टाफ की मदद से स्वयं मृतक के शव को खुद अपनी गाड़ी में रखवाया और अस्पताल तक पहुंचाया।
थाना प्रभारी शशि विश्वकर्मा ने मदद के लिए न केवल हाथ बढ़ाया बल्कि मृतक के परिजनों का भरपूर सहयोग भी किया।।
जिम्मेदारी का दिया परिचय :- थाना प्रभारी ने जिम्मेदारी का परिचय देते हुए उन लापरवाह अधिकारी व कर्मचारियों को सीख दी है जो ऐसे दुर्घटनाओं की खबर सुनकर अनसुना कर देते हैं कई थाना प्रभारी तो थाना में बैठकर ही रिपोर्ट करने वालों का इंतजार करते हैं जब तक रिपोर्ट लिखाने वाला नहीं पहुंचता तब तक कुर्सी से टस से मस नहीं होते ऐसे थाना प्रभारियों के लिए उन्होंने एक नई इबारत लिख दी है ताकि इस महिला थाना प्रभारी की कार्यशैली को देखकर उनमें ऊर्जा का संचार हो नेक कार्य करने की इच्छाशक्ति जाग्रत हो सके।