भाजपाइयों की बदजुबानी पर अजयसिंह ने आपत्ति जताई ..

मप्र विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने भाजपा जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार बोले जा रहे बदजुबानी पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के लोगों का लगातार अपमान कर पद की गरिमा, गंभीरता और मर्यादा को तार तार करने में लगे हैं। लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। वे जनता को क्या सन्देश देना चाहते हैं। अजय सिंह ने कहा कि प्रदेश भाजपा प्रभारी मुरलीधर राव की एक जेब में बनिया तो दूसरी जेब में ब्राम्हण रह्ते हैं। वे अपनी पार्टी के जनप्रतिनिधियों का अपमान तो करते ही हैं, अब जनता का भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता की मलाई चाटते-चाटते भाजपा के मंत्री और विधायक बौरा गये हैं..

संस्कारों की दुहाई देने वाले अमर्यादित आचरण कर रहे हैं। मंत्री बिसाहूलाल सिंह तो महिलाओं को भी नहीं छोड़ रहे हैं। दंभ में डूब कर नारी रत्न-सम्मान कार्यक्रम में ही कह रहे हैं कि समानता लाना है तो उच्च जाति की महिलाओं को पकड़-पकड़ कर बाहर निकालो। वे दुष्शासन की तरह आचरण कर नारियों का लगातार अपमान कर रहे हैं। लेकिन शिवराज सिंह सहित भाजपा के तमाम आका चुप हैं?
अजयसिंह ने कहा कि रीवा के भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा मोदी की तारीफ में लीन होकर कहते हैं कि मोदी एक बार अपनी दाढ़ी फटकारते हैं तो 50 लाख पीएम आवास झरते हैं। वे यहीं नहीं रुके, कहते हैं कि दूसरी बार फटकारते हैं तो एक करोड़ आवास निकलते हैं, वे मोदी का सम्मान कर रहे हैं या मजाक उड़ा रहे हैं।

रीवा सेमरिया के विधायक के. पी. त्रिपाठी ने तो एक कार्यक्रम में विवदित बयान देते हुए कहा कि वे ऐसी योजना बना रहे हैं, जिससे कांग्रेसियों के हार्ट के साथ साथ गुर्दे-किडनी, लीवर सब फेल हो जायेंगे। क्या वे भगवान से भी ऊपर हो गये हैं? इसी तरह भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी चुनाव के समय गाहे बगाहे श्राप देने की बात कहती थीं, लेकिन वरदान देने की बात कभी नहीं कही।
अजयसिंह ने कहा कि भोपाल विधायक रामेश्वर शर्मा तो लगातार अपनी सीमाएं लांघते रहते हैं। कहते हैं कि अगर कोई कांग्रेसी उनके इलाके में घुसा तो घुटने तोड़ देंगे। भाजपा के लोग इस समय इतने दंभ में हैं कि उन्हें खुद पता नही कि वे क्या बोल रहे हैं। ऊपर से नीचे तक बिना किसी कारण वे मोनोलॉग यानी एक तरफा बिगड़े बोल लगातार बोले जा रहे हैं और कांग्रेसियों के साथ-साथ जनता का भी अपमान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह को चाहिए कि वे अपनी पार्टी के लोगों को अपने पद की गरिमा और मर्यादा मंे रहना सिखाएं और उनके बिगड़े बोल पर लगाम लगायें।