बैंक मैनेजर समेत चार लोग गिरफ्तार..

आम आदमी अपनी संपत्ति और आभूषणों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक और लॉकर का सहारा लेता है ! ताकि उसकी मेहनत की कमाई चोर उचक्के न ले उड़ें ! परन्तु ऐसी खबरे सुनकर आदमी को होश फक्ता हो जाते है ! जिन चोर उच्क्को से बचाने के लिए बैंक में रखे गए कीमती आभूषण और नगदी बैंक में कार्यरत उचक्के ही ले उड़े तो फिर आमजन किस संस्था पर भरोसा करे ? ऐसा ही कुछ धटना ….

कानपुर में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कराचीखाना शाखा में नौ लॉकर से ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य के जेवरात चोरी होने के मामले में शाखा प्रबंधक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।पकड़े गए लोगों के कब्जे से चोरी के 342 ग्राम आभूषण बरामद किए गए हैं।

पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) प्रमोद कुमार ने बताया कि पकड़े गए लोगों के कब्जे से चोरी के 342 ग्राम आभूषण बरामद किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि शनिवार को इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में बैंक शाखा प्रबंधक राम प्रसाद के अलावा चंद्रप्रकाश, करण राज और राकेश शामिल हैं, पुलिस सहायक शाखा प्रबंधक शुभम मालवीय को गिरफ्तार नहीं कर सकी है, वह फरार है और उसकी तलाश की जा रही है।

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि बैंक शाखा प्रबंधक रामप्रसाद और सहायक प्रबंधक शुभम मालवीय ने अनधिकृत रूप से लॉकर को तोड़ा था और उनमें रखे आभूषण निकाल कर उन्हें कथित रूप से बेच दिया था।

पुलिस उपायुक्त (अपराध) सलमानताज जाफरताज पाटिल ने बताया कि अगर बैंक के किसी लॉकर का संचालन नहीं किया जा रहा है तो उसे खोलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के कुछ नियम हैं। ऐसे लॉकर को खोलने के लिए दो बैंक शाखा प्रबंधकों, एक कानूनी सलाहकार तथा दो स्वतंत्र गवाहों की पांच सदस्यीय समिति गठित की जाती है लेकिन शाखा प्रबंधक ने इन नियमों की अनदेखी की।

उन्होंने बताया कि जब विशेष जांच टीम ने मामले की तफ्तीश शुरू की और बैंक के रजिस्टर तथा अन्य दस्तावेज खंगाले तो उसमें अनियमितताएं पाई गई। जांच में मालूम हुआ कि ऐसे 29 लॉकर को अनधिकृत रूप से खोला गया जिनका संचालन नहीं हो रहा था।

पाटिल ने बताया कि जब पुलिस ने इस मामले में बैंक कर्मी चंद्रप्रकाश से पूछताछ की तो उसने शुरू में जांच टीम को भ्रमित करने की कोशिश की लेकिन बाद में उसने गुनाह कुबूल कर लिया।

उन्होंने बताया कि चंद्र प्रकाश ने पुलिस को जानकारी दी कि उसने बैंक के 29 लॉकर तोड़े थे जिनमें से करीब एक दर्जन में जेवरात रखे थे।

पाटिल ने बताया कि कम से कम नौ लोगों ने पुलिस में शिकायत की थी कि उनके लॉकर में रखे करोड़ों रुपए के जेवरात चोरी हो गए हैं। यह मामला पिछले 14 मार्च को सामने आया था जब मंजू भट्टाचार्य नामक एक उपभोक्ता ने अपना लॉकर देखा था और उन्हें उसमें अपने जेवरात नहीं मिले थे।

मीडिया में यह खबर आने के बाद अन्य उपभोक्ता भी कराचीखाना स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में पहुंचे और उनमें से आठ अन्य को भी अपने लॉकर में आभूषण नहीं मिले।

उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक तीन मुकदमें दर्ज किए जा चुके हैं। चोरी किए गए आभूषणों की अनुमानित कीमत ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जाती है। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है । साभार:मिडिया रिपोर्ट